Article 2 of Indian Constitution | Article 2
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2 के अनुसार, संसद विधि द्वारा ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी।
अर्थात, भारत के संविधान के अनुच्छेद 2 के अधीन संसद को दो प्रकार की शक्तियां प्राप्त हैं:
- संसद नए राज्यों को भारतीय संघ में शामिल कर सकती है। (यह उन राज्यों से संबंधित है जो पहले से ही विद्यमान हैं।)
- संसद नए राज्यों को स्थापित कर सकती है। (यह उन राज्यों से संबंधित है जो भविष्य में स्थापित या अर्जित किए जा सकते हैं।)
कुल मिलाकर, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2 का संबंध उन राज्यों के प्रवेश एवं गठन से है जो भारतीय संघ का हिस्सा नहीं हैं।
Case: RC Poudyal v. Union of India
इस केस में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया, कि नए राज्यों के प्रवेश या गठन को लेकर भारतीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक समीक्षा की जा सकेगी और नए राज्यों के प्रवेश या गठन की शर्तें भारतीय संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन न करती हों।
Article 2(A) of The Indian Constitution
सिक्किम को संघ के साथ जोड़ा जाना: 35वें संविधान संशोधन अधिनियम 1974 के द्वारा सिक्किम को भारतीय संघ में एक सहयोगी राज्य के रूप में जोड़ा गया, फिर उसके 1 वर्ष बाद ही 36वे संविधान संशोधन अधिनियम 1975 द्वारा उसे निरस्त करने के बाद उसे सहयोगी राज्य की श्रेणी से निकालकर बाकी भारतीय राज्यों की तरह ही एक स्तर पर कर दिया गया है।
नोट: 36वे संविधान संशोधन अधिनियम 1975 की धारा 5 के द्वारा अनुच्छेद 2(A) को निरस्त किया जा चुका है।
ये भी पढ़ें- Article 3 of Indian Constitution: नये राज्यों का निर्माण तथा विद्यमान राज्यों के क्षेत्र, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
Difficult Words of Article 2 of The Indian Constitution
शब्द | सरल अर्थ |
---|---|
विद्यमान | उपस्थित/मौजूद |
अर्जित | प्राप्त करना। |
न्यायिक समीक्षा | अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जाँच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है |
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