Section 163 BNSS: उपद्रव या आशंकित खतरों के अर्जेंट मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति

Section 163 BNSS | BNSS 163

163(1) BNSS | BNSS 163(1)

ऐसे मामलों में, जहां जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा इस मामले में विशेष रूप से सशक्त किए गए किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट की राय में इस धारा के अधीन कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार है और तत्काल रोकथाम या शीघ्र उपचार की जरूरत है तो ऐसा मजिस्ट्रेट मामले के महत्वपूर्ण तथ्यों को बताते हुए और धारा 153 द्वारा बताए गए तरीकों द्वारा एक लिखित आदेश द्वारा किसी व्यक्ति को किसी निश्चित कार्य को न करने या अपने कब्जे की या अपने प्रबंधाधीन किसी विशिष्ट संपत्ति की कोई विशिष्ट व्यवस्था करने का निर्देश उस दशा में दे सकता है

जिसमें ऐसा मजिस्ट्रेट समझता है या उस निर्देश की ऐसी प्रवृत्ति है कि उससे किसी व्यक्ति को विधिपूर्वक नियोजित किसी बाधा, परेशानी या चोट या मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरा या सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी या बलवे या देंगे का निवारण हो जाएगा।

163(2) BNSS | BNSS 163(2)

इस धारा के अधीन आपात स्थिति में या ऐसे मामलों में जहां परिस्थितियां ऐसी न हों कि उस व्यक्ति को, जिसके विरुद्ध आदेश दिया गया है, सूचना की तामील दिए गए समय में करने की गुंजाइश न हो, तो एकपक्षीय रूप से आदेश पारित किया जा सकता है।

163(3) BNSS | BNSS 163(3)

इस धारा के अधीन किसी विशेष व्यक्ति को या किसी विशेष स्थान या क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को या आम जनता को जब वे किसी विशेष स्थान या क्षेत्र में जाएँ या जाकर रहते हैं, आदेश दिया जा सकता है।

163(4) BNSS | BNSS 163(4)

इस धारा के अधीन कोई आदेश उस आदेश के दिए जाने की तारीख से 2 महीने के बाद लागू नहीं रहेगा:

परंतु यदि राज्य सरकार मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा के खतरे को रोकने के लिए या दंगा या किसी झगड़े को रोकने के लिए ऐसा करना आवश्यक समझती है, तो वह अधिसूचना द्वारा यह निर्देश दे सकती है कि मजिस्ट्रेट द्वारा इस धारा के अधीन किया गया कोई आदेश अतिरिक्त अवधि के लिए लागू रहेगा, किंतु वह अतिरिक्त अवधि उस तारीख से 6 महीने से अधिक कि नहीं होगी, जिसके सम्बन्ध में यदि मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश नहीं दिया जाता तो वह अवधि समाप्त हो जाती।

163(5) BNSS | BNSS 163(5)

कोई भी मजिस्ट्रेट स्वयं या किसी पीड़ित व्यक्ति के आवेदन पर इस धारा के अधीन स्वयं या किसी अधीनस्थ मजिस्ट्रेट या अपने पूर्ववर्ती द्वारा दिए गए किसी आदेश को रद्द या परिवर्तित कर सकता है।

163(6) BNSS | BNSS 163(6)

राज्य सरकार स्वयं या किसी पीड़ित व्यक्ति के आवेदन पर उपाधारा (4) के उपबंध के अधीन अपने द्वारा पारित किसी आदेश को रद्द या परिवर्तित कर सकेगी।

163(7) BNSS | BNSS 163(7)

जहां उपधारा (5) या उपधारा (6) के अधीन आवेदन प्राप्त होता है, वहां मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार, जैसा भी मामला हो, आवेदक को उसके समक्ष व्यक्तिगत रूप से या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होने और आदेश के विरुद्ध कारण बताने का शीघ्र अवसर प्रदान करेगी; और यदि मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार, जैसा भी मामला हो, आवेदन को पूर्णतः या अंशत: नामंजूर कर देती है, तो वह ऐसा करने के कारणों को लिखित रूप में रखेगी।

नोट: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163, कुछ परिवर्तनों के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के समरूप है।

Section 163 of BNSS Bare Act

Section 163(1)(2)(3) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 163(4)(5)(6)(7) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act

Difficult words of BNSS Section 163

शब्दसरल अर्थ
सशक्त व्यक्ति शक्ति प्राप्त व्यक्ति
तत्कालतुरंत
प्रबंधाधीनप्रबंधन के अधीन
विशिष्टविशेष
बलवेविद्रोह
सुचना तामील करना किसी को सूचना देना
अधिसूचनाआधिकारिक सूचना
अधीनस्थकिसी अधिकारी के अधीन कार्य करने वाला
पूर्ववर्तीपहले का
अंशत:छोटा सा भाग

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Reference Link: New Criminal Laws (BNSS), Ministry of Home Affairs

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