Section 183 BNSS: संस्वीकृतियों और बयानों की रिकॉर्डिंग

Section 183 BNSS | BNSS 183

183(1) BNSS | BNSS 183(1)

किसी जिले का मजिस्ट्रेट, जहां किसी अपराध की सूचना दर्ज की गई है, चाहे वह उस मामले में अधिकार रखता हो या नहीं, इस अध्याय के अनुसार या उस समय लागू किसी अन्य कानून के अनुसार, किसी अन्वेषण के दौरान या उसके बाद, लेकिन जांच या विचारण शुरू होने से पहले, किसी व्यक्ति द्वारा की गई किसी स्वीकृति या बयान को लिखित रूप में दर्ज कर सकता है।

परंतु इस उपधारा के तहत किया गया कोई भी स्वीकृति या बयान, जो अभियुक्त व्यक्ति का है, उसके वकील की उपस्थिति में, श्रव्य-दृश्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों से भी रिकॉर्ड किया जा सकता है।

परंतु यह और कि कोई भी स्वीकृति उस पुलिस अधिकारी द्वारा रिकॉर्ड नहीं की जाएगी, जिसे किसी वर्तमान कानून के तहत मजिस्ट्रेट की कोई शक्ति दी गई है।

183(2) BNSS | BNSS 183(2)

मजिस्ट्रेट किसी भी स्वीकृति को रिकॉर्ड करने से पहले उस व्यक्ति को समझाएगा कि उसे स्वीकृति देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, और यदि वह स्वीकृति देता है, तो उसका उपयोग उसके खिलाफ सबूत के रूप में किया जा सकता है। इसके बाद, मजिस्ट्रेट तब तक स्वीकृति रिकॉर्ड नहीं करेगा जब तक वह व्यक्ति से पूछताछ कर यह सुनिश्चित न कर ले कि वह स्वीकृति स्वेच्छा से दी जा रही है।

183(3) BNSS | BNSS 183(3)

अगर संस्वीकृति दर्ज करने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित व्यक्ति यह कहता है कि वह संस्वीकृति देने के लिए इच्छुक नहीं है, तो मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को पुलिस हिरासत में रखने की अनुमति नहीं देगा।

183(4) BNSS | BNSS 183(4)

ऐसी संस्वीकृति को अभियुक्त व्यक्ति की परीक्षा को दर्ज करने के लिए धारा 316 में बताए गए तरीके से लिखा जाएगा और संस्वीकृति करने वाले व्यक्ति द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, और मजिस्ट्रेट उस रिकॉर्ड के नीचे निम्नलिखित भाव का एक ज्ञापन लिखेगा—

“मैंने……..(नाम) को यह समझा दिया है कि वह संस्वीकृति करने के लिए बाध्य नहीं है, और यदि वह ऐसा करता है तो उसकी यह संस्वीकृति उसके खिलाफ साक्ष्य के रूप में उपयोग हो सकती है। मुझे यह विश्वास है कि यह संस्वीकृति स्वेच्छा से की गई है। यह मेरी उपस्थिति में और मेरे सुनते हुए लिखी गई है, और संस्वीकृति करने वाले व्यक्ति को इसे पढ़कर सुनाया गया है। उसने इसे सही माना है, और उसके द्वारा किए गए कथन का पूरा और सही विवरण इसमें मौजूद है।

(हस्ताक्षरित) क. ख.

मजिस्ट्रेट | “

183(5) BNSS | BNSS 183(5)

उपधारा (1) के अंतर्गत किया गया (संस्वीकृति के अलावा) कोई भी कथन साक्ष्य के रूप में उस तरीके से अभिलिखित किया जाएगा जो, मजिस्ट्रेट के विचार में, मामले की परिस्थिति के अनुसार सबसे अधिक उपयुक्त है; और मजिस्ट्रेट को उस व्यक्ति को शपथ दिलाने का अधिकार होगा जिसका कथन इस प्रकार अभिलिखित किया जा रहा है।

183(6) BNSS | BNSS 183(6)

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 69, धारा 70, धारा 71, धारा 74, धारा 75, धारा 76, धारा 77, धारा 78, धारा 79 या धारा 124 के अंतर्गत दंडनीय मामलों में, जैसे ही ऐसे अपराध का होना पुलिस की जानकारी में आता है, मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति का कथन अभिलिखित करेगा जिसके विरुद्ध उपधारा (5) में निर्दिष्ट तरीके से ऐसा अपराध किया गया है।

परंतु यह कथन, जहाँ तक संभव हो, महिला मजिस्ट्रेट द्वारा अभिलिखित किया जाएगा और यदि महिला मजिस्ट्रेट उपलब्ध नहीं है, तो पुरुष मजिस्ट्रेट इसे एक महिला की उपस्थिति में अभिलिखित करेगा।

परंतु यह और कि उन मामलों में, जहां अपराध की सजा 10 वर्ष या उससे अधिक की जेल, आजीवन कारावास, या मृत्युदंड हो सकता है, उस स्थिति में मजिस्ट्रेट पुलिस अधिकारी द्वारा उसके सामने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के कथन को अभिलिखित करेगा।

परन्तु यह भी कि यदि कथन करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से अस्थायी या स्थायी रूप से दिव्यांग है, तो इस स्थिति में मजिस्ट्रेट कथन को अभिलिखित करने के लिए किसी द्विभाषिए या विशेष शिक्षक की मदद लेगा।

परन्तु यह भी कि यदि कथन करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से अस्थायी या स्थायी रूप से दिव्यांग है, तो उस व्यक्ति द्वारा किए गए कथन को किसी द्विभाषिए या विशेष शिक्षक की मदद से श्रव्य दृश्य इलैक्ट्रॉनिक साधनों, विशेषकर मोबाइल फोन के माध्यम से अभिलिखित किया जाएगा।

183(7) BNSS | BNSS 183(7)

इस धारा के अंतर्गत किसी संस्वीकृति या कथन को अभिलिखित करने वाला मजिस्ट्रेट, उस संस्वीकृति या कथन को उस मजिस्ट्रेट के पास भेजेगा, जो मामले की जांच या विचारण करेगा।

नोट: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 183, कुछ परिवर्तनों के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के समरूप है।

Section 183 of BNSS Bare Act

Section 183(1)(2)(3) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 183(4)(5) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 183(6) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 183(7) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act

Difficult words of BNSS Section 183

शब्दसरल अर्थ
श्रव्य दृश्यसुनने और देखने वाले दृश्य
संस्वीकृतिकिसी बात या स्थिति को स्वीकार करना या मान लेना(Confession)
अभियुक्तआरोपी
ज्ञापनकिसी बात या जानकारी को लिखित या मौखिक रूप से बताना या सूचित करना
निर्दिष्टदिया हुआ
द्विभाषिएऐसा व्यक्ति जो दो भाषाओं का ज्ञान रखता है और दोनों भाषाओं में बातचीत या अनुवाद कर सकता है।
विचारणमामले की सुनवाई

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Reference Link: New Criminal Laws (BNSS), Ministry of Home Affairs

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