Section 352 BNS | BNS 352
यदि कोई किसी व्यक्ति का किसी भी तरह से जानबूझकर अपमान करता है और उस व्यक्ति को इस इरादे से उकसाता है कि वह लोकशांति भंग कर दे या कोई अन्य अपराध कर दे, तो उसे 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण: भूरा ने लालू को उकसाया की आरिफ मुसलमान है और वह मंगलवार के दिन मांस बेच रहा है, इस पर लालू ने आरिफ से झगड़ा कर लिया, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 352, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 504 के समरूप है।
READ OTHER SECTIONS OF CHAPTER XIX — OF CRIMINAL INTIMIDATION, INSULT, ANNOYANCE, DEFAMATION, ETC.
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Section No. | Section Title |
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351 | Criminal intimidation. |
352 | Intentional insult with intent to provoke breach of peace. |
353 | Statements conducing to public mischief. |
354 | Act caused by inducing person to believe that he will be rendered an object of Divine displeasure. |
355 | Misconduct in public by a drunken person. |
Of Defamation | |
356 | Defamation. |
Of Breach Of Contract To Attend On And Supply Wants Of Helpless Person | |
357 | Breach of contract to attend on and supply wants of helpless person. |
Section 352 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 352
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What is 352 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 352 के तहत अपराधी को 2 वर्ष तक का कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 352 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 352 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 352 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 352 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।
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Is 352 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 352 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।
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352 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 352 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।
Difficult words of BNS Section 352
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
लोकशान्ति भंग करना | लोगों के बीच अशांति पैदा करना |
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