यदि कोई भारतीय नागरिक किसी भारतीय कानून को तोड़ता है तो वह यह बहाना नहीं दे सकता कि उसे उस कानून की जानकारी नहीं थी। इसलिए भारत के बुनियादी कानूनों को जानना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।
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आज के दौर में कानूनी तौर पर जागरूक होना बहुत जरूरी है। इस श्रेणी में आपको भारतीय कानूनों से संबंधित बहुत ही रोचक और मूल्यवान लेख मिलेंगे जो आपके दैनिक जीवन के कई समस्याओं से निपटने में आपकी मदद करेंगे। इस श्रेणी में आपको यातायात, चोरी, विवाह, तलाक और कई अन्य मामलों से संबंधित कानूनों की जानकारी मिलेगी ।
इसके अलावा आपको मोटर वाहन अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम आदि जैसे अधिनियम भी मिलेंगे। इस श्रेणी का मुख्य उद्देश्य हमारे प्रिय भारतीय नागरिकों को जागरूक करना है, ताकि वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पर्याप्त जागरूक हो सकें।
केंद्र सरकार ने तीन राजपत्र अधिसूचनाएँ जारी की हैं, जिसमें तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे बताया गया है। ये तीन नए आपराधिक कानून है—
भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)। ये तीनों नए आपराधिक कानून 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे। लेकिन भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामले से संबंधित प्रावधान को रोक दिया गया है।
- BNS– भारतीय न्याय संहिता भारत में आधिकारिक आपराधिक संहिता है। इसे दिसंबर 2023 में भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लेने के लिए पेश किया गया था, जो की ब्रिटिश भारत के काल की है।
- BNSS– भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 को बदलने के लिए 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था।
- BSA- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA), 1872 की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 ने ले ली है। बीएसए को 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने से पहले क्रमशः 20 और 21 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों द्वारा अनुमोदित किया गया था।