Section 11 of Hindu Marriage Act | Void Marriages
हिंदू विवाह अधिनियम के लागू होने के बाद संपन्न किया गया कोई विवाह यदि, हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के खंड (1), (4) और (5) में उल्लिखित शर्तों में से किसी का उल्लंघन करता है, तो वह विवाह अमान्य और शून्य होगा और उनमें से किसी भी पक्षकार द्वारा दूसरे पक्षकार के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत किए जाने पर उस विवाह को अमान्य घोषित किया जा सकेगा।
उदाहरण 1: भूरा ने अपनी पत्नी जूली के जीवित रहते हुए भी, एक दूसरी महिला शीला से अवैध शादी कर ली, जूली ने भूरा की इस अवैध शादी के समबन्ध में न्यायलय में याचिका दर्ज कर दी, ऐसे मामले में भूरा और शीला की शादी को शून्य या अमान्य घोषित किया जायेगा।
उदाहरण 2: लालू अपने भाई की बेटी जूली से विवाह कर लेता है, लेकिन उनके समाज में ऐसी कोई परंपरा नही है, ये निषिद्ध रिश्ते की डिग्री के भीतर विवाह का मामला है, और यह विवाह शून्य या अमान्य घोषित किया जायेगा।
उदाहरण 3: कालू अपने चाचा की लड़की से शादी कर लेता है, लेकिन उनके समाज में ऐसी कोई परंपरा नही है, ये सपिंड नातेदारी के विवाह का मामला है, और यह विवाह शून्य या अमान्य घोषित किया जायेगा।
नोट: हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के खंड (1), (4) और (5) में शादी की योग्यताओं की वे शर्तें बताई गई है, जिनका पालन न करने पर विवाह अमान्य और शून्य हो सकेगा। यदि आप धारा 5 के इन खण्डों की जानकारी चाहते हैं, तो क्लिक करें- हिंदू विवाह के लिए शर्तें (Section 5 of Hindu Marriage Act)
ये भी पढ़ें- Section 12 of Hindu Marriage Act (शून्यकरणीय विवाह)
Section 11 of HMA
FAQs From Section 11 of HMA
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What is void marriage?
एक शून्य विवाह का शुरू से ही कोई अस्तित्व नहीं होता। अर्थात शून्य विवाह अवैध और अमान्य तरीका है।
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What are the grounds for void marriage under Section 11 of Hindu Marriage Act?
जीवित पत्नी के रहते दूसरी शादी करना, निषिद्ध रिश्तों की डिग्रियों के भीतर शादी करना और सपिण्ड रिश्तो के बीच शादी करने पर उसे शून्य या अमान्य घोषित किया जा सकता है।
Difficult Words of Section 11 of HMA
शब्द | सरल अर्थ |
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अमान्य | जिसे स्वीकार ना किया जा सके |
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Reference Link: India Code (The Hindu Marriage Act, 1955)