Section 14 of Hindu Marriage Act | Section 14 HMA
Hindu Marriage Act Section 14 (1)
इसके अनुसार इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, कोई न्यायालय तलाक की डिक्री द्वारा विवाह विच्छेद के लिए किसी याचिका पर तब तक विचार नहीं कर सकता, जब तक कि याचिका प्रस्तुत करने की तिथि के वक्त विवाह को एक वर्ष ना बीत गया हो।
लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में बनाए जा सकने वाले नियमों के अनुसार, यदि मामला याचिकाकर्ता के लिए असाधारण कठिनाई का है या प्रत्यार्थी की ओर से असाधारण दुराचार का है, तो न्यायालय विवाह की तिथि से 1 वर्ष बीतने से पहले भी याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति दे सकता है।
लेकिन यदि याचिका की सुनवाई के समय न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता ने मामले की प्रकृति को किसी गलत प्रस्तुतीकरण से या कुछ बातों को छिपाकर याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति प्राप्त की है तो न्यायालय जो डिक्री/आदेश पारित कर चुका है, उसको लेकर ऐसा कर सकता है कि डिक्री/आदेश विवाह की तिथि से एक वर्ष की समाप्ति के बाद ही प्रभावी होगी या किसी भी याचिका पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना याचिका को खारिज भी कर सकता है, जो कथित तथ्यों के समान या मूलतः समान तथ्यों पर के आधार पर कथित 1 वर्ष की समाप्ति के बाद लाई जा सकती है।
उदाहरण 1: भूरा का विवाह शीला से संपन्न होने के 5 महीने बाद ही शीला ने भूरा से तलाक लेने के लिए न्यायालय में याचिका दर्ज कर दी, ऐसे मामले में शीला को तलाक नहीं मिल पाएगा क्योंकि विवाह को एक वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है।
उदाहरण 2: कालू और चमेली का विवाह 5 महीने पहले हुआ था, कालू चमेली को रोज पीटा करता था, जिसकी वजह से एक बार चमेली के पैर की हड्डी भी टूट गई थी, कालू के ऐसे क्रूर व्यवहार की वजह से चमेली ने उससे तलाक लेने के लिए न्यायालय में याचिका दर्ज की और न्यायालय को यह एहसास दिलाया कि कालू बेहद क्रूर व्यक्ति है, जिसकी वजह से चमेली का उसके साथ रहना असहनीय हो चुका है, ऐसे में न्यायालय मामले की जांच परख करने के बाद सुनवाई कर सकेगा।
उदाहरण 3: लालू और जूली का विवाह 3 महीने पहले हुआ था, जूली ने लालू से तलाक लेने के लिए न्यायालय में याचिका दर्ज की और न्यायालय को बताया कि लालू बहुत ही क्रूर व्यवहार करता है तथा वह उसे रोज पीटता है, जिसकी वजह से जूली का लालू के साथ रहना असहनीय हो गया है। जब न्यायालय ने इस मामले की जांच परख की तो जूली के दावे झूठे निकले, ऐसे में न्यायालय इस याचिका को खारिज कर सकेगा।
Hindu Marriage Act Section 14 (2)
विवाह की तारीख से 1 वर्ष की समाप्ति के पूर्व तलाक के लिए याचिका प्रस्तुत करने की इजाजत के लिए इस धारा के अधीन किसी आवेदन का निपटारा करते समय न्यायलय विवाह से उत्पन्न किसी संतान के हितों को, और इस प्रश्न को ध्यान में रखेगा कि क्या कथित एक वर्ष की समाप्ति के पूर्व पक्षकारों के बीच सुलह हो जाने की उचित संभावना है।
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Section 14 of HMA
FAQ From Section 14 of HMA
मेरी शादी 8 महीने पहले हुई थी और मेरा पति मेरा बेहद शोषण करता है, क्या मैं 1 साल पूरा होने से पहले अपने पति से तलाक ले सकती हूं?
HMA की धरा 14 के अनुसार, यदि किसी मामले में पति या पत्नी का शोषण असहनीय रूप से किया गया हो, तो न्यायालय को इस बात का एहसास करने के बाद मामले की सुनवाई 1 साल से पहले भी की जा सकती है।
Difficult Words of Section 14 of HMA
शब्द | सरल अर्थ |
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न्यायालय में याचिका | न्यायालय के आदेश की मांग करने का एक औपचारिक लिखित अनुरोध |
दुराचार | अनुचित एवं निंदनीय व्यवहार |
विच्छेद | भंग करना/विभाजन करना |
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Reference Link: India Code (The Hindu Marriage Act, 1955)