Section 163 BNS: सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक के अभित्याग का दुष्प्रेरण

Section 163 BNS | BNS 163

जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायु सेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को सेना से परित्याग किये जाने का दुष्प्रेरण करेगा, तो उसे 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: लालसिंह भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर एक अधिकारी है, जब वह अपने गांव छुट्टी लेकर घूमने आया तो उसके बड़े भाई भूरा ने उसे डराया धमकाया कि भारतीय नौसेना में रहकर उसकी मृत्यु होनी तय है, इसलिए उसे भारतीय नौसेना का परित्याग कर देना चाहिये। ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार 2 साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 163, भारतीय दंड संहिता की धारा 135 के समरूप है।

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Section 163 of BNS Bare Act

Section 163 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 163

  1. What is 163 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 163 के तहत अपराधी को 2 साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 163 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 163 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 163 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 163 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 163 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 163 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 163 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 163 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 163

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
दुष्प्रेरण गलत नीयत से उकसाना
परित्यागकिसी धार्मिक आश्रम में प्रवेश करके संसार का परित्याग करना

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