Section 189 BNS: विधि विरुद्ध लोगों का जमाव क्या है, और ऐसा करने पर क्या सजा मिलेगी?

Section 189 BNS | BNS 189

189(1) BNS | BNS 189(1) | Unlawful assembly meaning

पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव विधि विरुद्ध जमाव कहा जाता है, यदि उस जमाव में शामिल व्यक्तियों का समान उद्देश्य हो,—

(a) आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन से केंद्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान मंडल को, या किसी लोक सेवक को, ऐसे लोक सेवक की वैध शक्तियों का प्रयोग करने से रोककर आतंकित करना; या

(b) किसी भी कानून या कानूनी प्रक्रिया के क्रियान्वयन का विरोध करना;

(c) किसी रिष्टि (नुकसान पहुंचाना) या आपराधिक अतिचार (अवैध रूप से दूसरों के अधिकारों, समय आदि पर नियंत्रण करना) या अन्य अपराध का करना; या

(d) किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी संपत्ति का कब्जा लेना या प्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग के उपयोग के अधिकार से या जल का उपयोग करने के अधिकार से या किसी अन्य अमूर्त अधिकार से वंचित करना, जिस पर वह कब्ज़ा/अधिकार रखता हो, या किसी कथित अधिकार को लागू कराना; या

(d) आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए मजबूर करना, जिसे करने के लिए वह कानूनी रूप से बाध्य नहीं है या ऐसा कार्य करने से रोकना, जिसे करने के लिए वह कानूनी रूप से हकदार है।

स्पष्टीकरण: जिन लोगों का जमाव एकत्रित होते समय गैर-कानूनी नहीं था, वह बाद में गैर-कानूनी जमाव बन सकता है।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(1), भारतीय दंड संहिता की धारा 141 के समरूप है।

189(2) BNS | BNS 189(2)

जो कोई उन तथ्यों से परिचित होते हुए, जो किसी जमाव को विधि विरुद्ध जमाव बनाते हैं, ऐसे जमाव में जानबूझकर सम्मिलित होता है या उसमें बना रहता है, तो यह कहा जाएगा कि वह उस विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य है और ऐसे सदस्य को 6 महीने तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: भूरा ऐसे लोगों के जमाव में जानबूझकर सम्मिलित हो जाता है, जो अवैध तरीके से रोड जाम करके मारपीट करते हैं, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 6 माह तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), भारतीय दंड संहिता की धारा 142 एवं 143 के समरूप है।

189(3) BNS | BNS 189(3)

जो कोई किसी विधि विरुद्ध जमाव में यह जानते हुए, कि ऐसे विधिविरुद्ध जमाव को तितर-बितर करने का आदेश विधि द्वारा दिया गया है, सम्मिलित होगा या बना रहेगा, तो उसे 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: लालू ऐसे लोगों के जमाव में यह जानते हुए भी सम्मिलित हो जाता है, जो विधिपूर्वक जमाव को हटाने के आदेश के बावजूद अवैध तरीके से इकट्ठा हुए हैं, ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त उपाधारा के अनुसार 2 साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(3), भारतीय दंड संहिता की धारा 145 के समरूप है।

189(4) BNS | BNS 189(4)

जो कोई किसी घातक हथियार से या ऐसी चीज से, जिसे आक्रामक हथियार के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु होने की संभावना है, सज्जित होकर विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य बनेगा, तो उसे 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: कालू तलवार लेकर ऐसे लोगों के जमाव में जाकर सम्मिलित हो जाता है, जो विधि विरुद्ध तरीके से कार्य कर रहे थे, ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 2 साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(4), भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के समरूप है।

189(5) BNS | BNS 189(5)

जो कोई पांच या अधिक व्यक्तियों के किसी जमाव में, जिससे लोक शांति भंग होना संभावित हो, ऐसे जमाव को विधिपूर्वक तितर-बितर किए जाने के आदेश दिए जाने के बाद भी उसमें सम्मिलित होगा या बना रहेगा, तो उसे 6 महीने तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

स्पष्टीकरण: यदि वह जमाव उपधारा (1) के अंतर्गत विधि विरुद्ध जमाव हो, तो अपराधी को उपाधारा (3) के अधीन दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: लालसिंह ने अपने खानदान के 10 सदस्यों के साथ मिलकर अपनी गली में आने जाने वाले बाइक सवार लोगों पर रोक लगाने की मंशा से डंडे खड़े कर दिए और दबंगता से बाइक सवार लोगों को गली में आने से रोक दिया, ऐसे मामले में यदि लाल सिंह और उसके खानदान के 10 सदस्यों पर कानूनी कार्यवाही होगी तो उन्हें उपरोक्त उपधारा के अनुसार 6 माह तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(5), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के समरूप है।

189(6) BNS | BNS 189(6)

जो कोई किसी व्यक्ति को किसी विधि विरुद्ध जमाव में शामिल होने या उसका सदस्य बनने के लिए भाड़े पर रखता है या नियुक्त करता है या नियुक्त करने में सहयोग करता है, तो उसे ऐसे विधि विरुद्ध जमाव के सदस्य के रूप में ही दंडित किया जाएगा, और यदि, इस प्रकार विधि विरुद्ध जमाव में जुड़े व्यक्ति द्वारा कोई अपराध किया जाता है, तो उसे ऐसे जमाव में शामिल करने वाले व्यक्ति को उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, कि उसने स्वयं ऐसा अपराध किया हो।

उदाहरण: भूरा ने अपने शहर के 50 नौजवानों को ₹500 प्रतिदिन देकर वर्तमान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके प्रशासन को खरीदने का कार्य सौंप दिया, उनमें से एक व्यक्ति ने न्यायिक कार्यवाही के दौरान दरोगा पर पत्थर फेंका और वहां से भाग गया, जिससे वह दरोगा घायल हो गया। ऐसे मामले में उस दरोगा के घायल होने के लिए भूरा को दोषी समझ जाएगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(6), भारतीय दंड संहिता की धारा 150 के समरूप है।

189(7) BNS | BNS 189(7)

जो कोई किसी विधि विरुद्ध जमाव के सदस्यों को किसी घर या उसके कब्जे या प्रभार में या नियंत्रण के अधीन किसी परिसर में आश्रय देता है या ऐसे लोगों को जमाव करने देता है या यह जानते हुए, कि ऐसे व्यक्ति किसी विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य बनने के लिए भाड़े पर लिए गए हैं, लगाए गए हैं या नियोजित किए गए हैं या उससे जुड़ने के लिए भाड़े पर लिए जाने हैं या भाड़े पर लगाए जाने हैं या नियोजित किए जाने हैं, तो आश्रय देने वाले व्यक्ति को 6 महीने तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: दादरी शहर के जीटी रोड पर, जोकि एक सार्वजनिक स्थान है जहाँ भीड़ भाड़ वाला इलाका है, वहां दलित समुदाय ने एक नए बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया, जिससे रस्ते में आने जाने वालों के लिए काफी कष्ट हुआ, विरोध प्रदर्शन के बाद सभी लोग वहीं जीटी रोड पर भूरा के फार्म हाउस में ही ठहरे और विश्राम किया। ऐसे मामले में भूरा को विधि विरुद्ध जमाव के सदस्यों को अपने फार्म हाउस पर आश्रय देने के लिए उपरोक्त उपाधारा के अनुसार 6 महीने तक के कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(7), भारतीय दंड संहिता की धारा 157 के समरूप है।

189(8) BNS | BNS 189(8)

जो कोई उपाधारा (1) में बताए गए कृत्यों को करता है या करने में सहायता करता है या भाड़े पर लेने या नियोजन किए जाने हेतु प्रयास करता है या प्रस्ताव करता है या नियोजित है या भाड़े पर लिया गया है, तो उसे 6 महीने तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: भल्ला एक ब्राह्मण समुदाय का नेता है, उसने ब्राह्मण समुदाय के आरक्षण को लेकर लोगों की एक सभा बुलाई और प्रशाशन से बिना अनुमति लिए अपने शहर के बाजार के पास भीड़भाड़ वाले इलाके में खूब हल्ला मचाया, जिससे वहां के लोग काफी परेशान हुए, बाद में पुलिस बल के रोकने पर भी वो नहीं रुके, ऐसे मामले में भल्ला को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 6 महीने तक के कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(8), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 158 के समरूप है।

189(9) BNS | BNS 189(9)

जो कोई उपाधारा (8) में अनुसार नियोजित या किराए पर लिए जाने के बाद किसी घातक हथियार के साथ या किसी ऐसी चीज के साथ सशस्त्र हो जाता है या किसी दूसरे को उसी प्रकार से सशस्त्र होने की पेशकश करता है, जिसका उपयोग अपराध के हथियार के रूप में करने से किसी की मृत्यु होने की संभावना है, तो उसे 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: खालिद एक मुस्लिम समुदाय का प्रभावी नेता है, खालिद ने प्रशासन से अनुमति लिए बिना ही तीन तलाक के कानून को खारिज करने के लिए विरोध प्रदर्शन करने को लेकर अपने शहर में जगह-जगह पर्चे छपवा दिए और विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित होने पर ₹500 प्रतिदिन देने का दावा किया, विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस बल ने आदेश पर उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया तो देखा कि भाड़े पर लाए गए सलीम के पास बंदूक थी, ऐसे मामले में खालिद और सलीम को उपरोक्त उपाधारा के अनुसार 2 साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा। (बाकि लोगों पर भी अलग से कार्रवाई होगी)

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(9), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 158 के समरूप है।

READ OTHER SECTIONS OF CHAPTER XI — OF OFFENCES AGAINST THE PUBLIC TRANQUILLITY

Section 189 of BNS Bare Act

FAQs from BNS Section 189

  1. What is 189 BNS punishment?

    भारतीय न्याय संहिता की
    — धारा 189(2) के तहत अपराधी को 6 महीने तक के कारावास से,
    — धारा 189(3) के तहत 2 साल तक के कारावास से,
    — धारा 189(4) के तहत 2 साल तक के कारावास से,
    — धारा 189(5) के तहत 6 महीने तक के कारावास से,
    — धारा 189(6) के तहत वही, जो ऐसे जमाव के सदस्य के लिए और ऐसे जमाव के किसी सदस्य द्वारा किए गए किसी अपराध के लिए है,
    — धारा 189(7) के तहत 6 महीने तक के कारावास से,
    — धारा 189(8) के तहत 6 महीने तक के कारावास से,
    — धारा 189(9) के तहत 2 साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 189 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 189(6) के अंतर्गत किसी जुर्माने का जिक्र नहीं किया गया है तथा धारा 189(2), धारा 189(3), धारा 189(4), धारा 189(5), धारा 189(7), धारा 189(8), और धारा 189(9) में जुर्माने की राशि निश्चितनहीं की गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 189 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 189 की सभी उपधाराओं के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 189 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 189(6) के अंतर्गत किए गए अपराध के अनुसार ‘जमानतीय’ या ‘ग़ैर-जमानतीय’ हो सकते हैं, तथा धारा 189(2), धारा 189(3), धारा 189(4), धारा 189(5), धारा 189(7), धारा 189(8), और धारा 189(9) के तहत किये गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 189 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 189(6) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई वह न्यायालय करेगा, जिसके द्वारा वह अपराध विचारणीय हैं तथा धारा 189(2), धारा 189(3), धारा 189(4), धारा 189(5), धारा 189(7), धारा 189(8), और धारा 189(9) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 189

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
स्वेच्छा सेखुद की इच्छा से/जानबूझकर
लोक सेवक ऐसा व्यक्ति जो सरकारी कार्य के लिए कानूनी रूप से निर्वाचित या नियुक्त किया गया हो।
क्रियान्वयन अमल में लाना
अमूर्त अधिकार ऐसे अधिकार जिनका भौतिक अस्तित्व नहीं होता लेकिन उन पर कानूनी अधिकार होता है। जैसे-कॉपीराइट और पेटेंट के अधिकार
लोक शांति जन सामान्य की शांति
प्रभारी किसी घर, संस्था, दल, विभाग आदि का प्रमुख व्यक्ति

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