Section 193 BNSS: अन्वेषण(जांच) के समाप्त हो जाने पर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट

Section 193 BNSS | BNSS 193

193(1) BNSS | BNSS 193(1)

इस अध्याय के अधीन किया जाने वाला प्रत्येक अन्वेषण(जांच) अनावश्यक देरी के बिना पूरा किया जाएगा।

193(2) BNSS | BNSS 193(2)

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 70 या धारा 71 या लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 4, धारा 6, धारा 8 या धारा 10 के अधीन किसी अपराध के संबंध में अन्वेषण उस तारीख से, जिसको पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा सूचना अभिलिखित की गई थी, 2 महीने के भीतर पूरा किया जा सकेगा।

193(3) BNSS | BNSS 193(3)

(i) जैसे ही जांच पूरी हो जाती है, पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उस अपराध पर संज्ञान लेने के लिए सक्षम मजिस्ट्रेट को एक रिपोर्ट भेजेगा। यह रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्ररूप में होगी, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने का विकल्प भी शामिल है, जिसमें निम्नलिखित बातें कथित होंगी—

  1. पक्षकारों के नाम;
  2. सूचना का स्वरूप;
  3. मामले की परिस्थितियों से परिचित प्रतीत होने वाले व्यक्तियों के नाम;
  4. क्या कोई अपराध किया गया प्रतीत होता है और यदि किया गया प्रतीत होता है, तो किसके द्वारा;
  5. क्या अभियुक्त गिरफ्तार कर लिया गया है;
  6. क्या अभियुक्त अपने बंधपत्र या जमानतपत्र पर छोड़ दिया गया है;
  7. क्या अभियुक्त धारा 190 के अधीन अभिरक्षा में भेजा जा चुका है;
  8. जहां अन्वेषण भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68 धारा 70 या धारा 71 के अधीन किसी अपराध के संबंध में है, वहां क्या महिला की चिकित्सा परीक्षा की रिपोर्ट संलग्न की गई है;
  9. इलैक्ट्रानिक युक्ति की दशा में अभिरक्षा का अनुक्रम;

(ii) पुलिस अधिकारी 90 दिन की अवधि के भीतर अन्वेषण की प्रगति की सूचना, किन्हीं भी साधनों द्वारा, जिनके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक संसूचना का माध्यम भी है, सूचना देने वाले या पीड़ित व्यक्ति को देगा;

(iii) अधिकारी अपनी की गई कार्यवाही की जानकारी उस व्यक्ति को देगा, जिसने सबसे पहले अपराध की सूचना दी थी, यदि ऐसा कोई व्यक्ति है। यह जानकारी देने का तरीका राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार होगा।

193(4) BNSS | BNSS 193(4)

जहां धारा 177 के तहत कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है, वहां ऐसे मामलों में, जिनके लिए राज्य सरकार सामान्य या विशेष आदेश से निदेश देती है, रिपोर्ट उसी वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से भेजी जाएगी। यह वरिष्ठ अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश होने तक पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को निदेश दे सकता है कि वह आगे की जांच करे।

193(5) BNSS | BNSS 193(5)

जब इस धारा के तहत भेजी गई रिपोर्ट से यह पता चलता है कि अभियुक्त को उसके बंधपत्र या जमानत पर छोड़ा गया है, तब मजिस्ट्रेट उस बॉन्ड या जमानत को रद्द करने के लिए, या जो उसे सही लगे, वैसा आदेश देगा।

193(6) BNSS | BNSS 193(6)

जब ऐसी रिपोर्ट का संबंध किसी ऐसे मामले से हो, जिस पर धारा 190 लागू होती है, तो पुलिस अधिकारी रिपोर्ट के साथ निम्नलिखित चीजें भी मजिस्ट्रेट को भेजेगा—

(क) वे सभी दस्तावेज या उनके प्रासंगिक अंश, जिन पर अभियोजन पक्ष निर्भर करना चाहता है, और जो उन दस्तावेजों से अलग हैं, जो जांच के दौरान पहले ही मजिस्ट्रेट को भेजे जा चुके हैं;

(ख) उन सभी व्यक्तियों के धारा 180 के तहत दर्ज किए गए बयान, जिनकी गवाही अभियोजन पक्ष द्वारा कराने का विचार है।

193(7) BNSS | BNSS 193(7)

यदि पुलिस अधिकारी यह मानता है कि किसी बयान का कोई हिस्सा कार्यवाही के विषय से संबंधित नहीं है, या अभियुक्त को दिखाना न्याय और लोकहित में उचित नहीं है, तो वह उस बयान के उस हिस्से को चिन्हित करेगा। इसके बाद, वह मजिस्ट्रेट को एक टिप्पणी भेजेगा, जिसमें उस हिस्से को अभियुक्त को दी जाने वाली प्रति से हटाने का अनुरोध और ऐसा करने के कारण बताएगा।

193(8) BNSS | BNSS 193(8)

उपधारा (7) के नियमों के अनुसार, जब किसी मामले की जांच करने वाला पुलिस अधिकारी धारा 230 के तहत अभियुक्त को देने के लिए दस्तावेजों की सूची मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करता है, तो वह पुलिस रिपोर्ट की उतनी प्रतियां भी देगा जितनी आवश्यक हों।

परंतु, यदि रिपोर्ट या अन्य दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जाते हैं, तो उसे उचित रूप से तामील माना जाएगा।

193(9) BNSS | BNSS 193(9)

इस धारा में कुछ भी ऐसा नहीं माना जाएगा जो अपराध के बारे में मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजने के बाद आगे की जांच करने से रोके। यदि जांच के दौरान पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को कोई नया मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य मिलता है, तो वह उस साक्ष्य के बारे में अतिरिक्त रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को भेजेगा। यह रिपोर्ट उस प्ररूप में होगी जो राज्य सरकार के नियमों में बताया गया है, और उपधारा (3) से उपधारा (8) तक के नियम इस अतिरिक्त रिपोर्ट पर भी वैसे ही लागू होंगे जैसे वे उपाधारा (3) के अधीन भेजी गई रिपोर्ट के संबंध में रिपोर्ट पर लागू होते हैं।

परंतु यदि मामला विचाराधीन है, तो मामले का विचारण कर रहे न्यायालय की अनुमति से अतिरिक्त जांच की जा सकती है, जिसे 90 दिनों में पूरा करना होगा, और यह अवधि न्यायालय की अनुमति से बढ़ाई जा सकती है।

Section 193 of BNSS Bare Act

Section 193(1)(2)(3) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 193(4) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 193(5)(6)(7)of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 193(8)(9) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act

Difficult words of BNSS Section 193

शब्दसरल अर्थ
भारसाधक अधिकारीऑफिसर इन चार्ज
संज्ञान सूचना प्राप्त करना
अभियुक्त आरोपी
अभिरक्षा कस्टडी
अन्वेषण जांच
अभियोजन किसी व्यक्ति के खिलाफ अपराध या कानूनी उल्लंघन के मामले में न्यायालय में मुकदमा चलाना।
लोकहित जनता के भले के लिए
सुचना तामील करनाकिसी को सूचना देना
प्रारूप किसी दस्तावेज़ या सूचना का निर्धारित ढांचा या नमूना

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Reference Link: New Criminal Laws (BNSS), Ministry of Home Affairs

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