Section 313 BNS: लुटेरों, आदि की टोली का सदस्य होने के लिए दंड

Section 313 BNS | BNS 313

जो कोई भी ऐसे व्यक्तियों के गिरोह से संबंधित है, जो आदतन चोरी या लूट करने में शामिल है, लेकिन वह डकैतों की टोली न हो, तो ऐसे गिरोह से जुड़े व्यक्ति को 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

उदाहरण: कालू एक X नमक गिरोह के लिए काम करता है, जो अक्सर लूटमार किया करते हैं, एक दिन कालू को शक के आधार पर पुलिस ने फोन ट्रेस करके पकड़ लिया, जिसमें यह साबित हो गया कि कालू X गैंग का ही सदस्य है। ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 7 साल तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 313, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 400 एवं 401 के समरूप है।

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Section 313 of BNS Bare Act

Section 313 of The Hindu Marriage Act, 1955

FAQs from BNS Section 313

  1. What is 313 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 313 के तहत अपराधी को 7 साल तक के कारावास से दण्डित किया जा सकेगा।

  2. What is the fine under section 313 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 313 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 313 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 313 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 313 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 313 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘ग़ैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 313 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 313 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता है।

Difficult words of BNS Section 313

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।

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