Section 340 BNS | BNS 340
340(1) BNS | BNS 340(1)
भारतीय न्याय संहिता की धारा 340(1) के अनुसार पूर्णत: या आंशिक रूप से जालसाजी द्वारा बनाया गया झूठा दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कहलाता है।
340(2) BNS | BNS 340(2)
भारतीय न्याय संहिता की धारा 340(2) के अनुसार, जो कोई किसी ऐसे दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इसके बारे में जानता है या उसे विश्वास है कि वह जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है, कपटपूर्वक या बेईमानी से उसका असली के रूप में उपयोग करता है, तो उसे उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने ऐसे दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की कूटरचना की हो।
उदाहरण 1: भूरा और कालू दोस्त हैं, लालू ने भूरा से कहा कि उसके पास एक मकान की नकली रजिस्ट्री है, यदि भूरा उस मकान को बिकवाने में मदद करेगा तो वह उसे 50% की हिस्सेदारी देगा, भूरा इस बात पर राजी हो जाता है और उस मकान को बेचने की प्रक्रिया में वक्त पकड़ा जाता है, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार वैसे ही दंडित किया जाएगा कि उसने उस मकान की नकली कागज खुद बनाए हों।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 340, भारतीय दंड संहिता की धारा 470 एवं 471 के समरूप है।
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Section 340 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 340
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What is 340 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 340 के तहत अपराधी को उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने ऐसे दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की कूटरचना की हो।
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What is the fine under section 340 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 340 में जुर्माने की राशि का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
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Is 340 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 340 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 340 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 340 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।
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340 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 340 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता हैं।
Difficult words of BNS Section 340
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
पूर्णत: | पूरी तरह से |
आंशिक रूप से | कुछ सीमा तक / पूर्णतः नहीं |
जालसाजी | ठगने / फंसाने की युक्ति |
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