Section 379 BNSS: धारा 215 में वर्णित मामलों की प्रक्रिया

Section 379 BNSS | BNSS 379

379(1) BNSS | BNSS 379(1)

जब किसी न्यायालय की, इस संबंध में या अन्यथा उसके समक्ष किए गए आवेदन पर यह राय है कि न्याय के हित में यह उपयुक्त है कि धारा 215 की उपधारा (1) के खंड (b) में निर्दिष्ट किसी अपराध की जांच की जाए, जो उस न्यायालय में किसी कार्यवाही में या उसके संबंध में या, यथास्थिति, उस न्यायालय में किसी कार्यवाही में साक्ष्य में पेश किए गए या दिए गए किसी दस्तावेज के संबंध में किया गया प्रतीत होता है, तो ऐसी प्रारंभिक जांच के पश्चात्, यदि ऐसा न्यायालय आवश्यक समझे तो,—

  1. इस भाव का निष्कर्ष दर्ज कर सकता है;
  2. उसकी लिखित शिकायत कर सकता है;
  3. उसे अधिकारिता रखने वाले प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट को भेज सकता है;
  4. ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष अभियुक्त की उपस्थिति के लिए पर्याप्त प्रतिभूति/सिक्योरिटी ले सकता है या यदि कथित अपराध गैर-जमानती है और न्यायालय ऐसा करना आवश्यक समझता है, तो अभियुक्त को ऐसे मजिस्ट्रेट की हिरासत में भेज सकता है; और
  5. किसी व्यक्ति को ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होने और साक्ष्य देने के लिए आबद्ध कर सकता है।

379(2) BNSS | BNSS 379(2)

किसी अपराध के बारे में न्यायालय को उपाधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग, ऐसे मामले में जिसमें उस न्यायालय ने उपाधारा (1) के अधीन उसे अपने ऐसे परिवार के किए जाने के लिए आप किया है उसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिससे पूर्व कथित न्यायालय धारा 215 की उपधारा 4 के अर्थ में अधीनस्थ है।

379(3) BNSS | BNSS 379(3)

इस धारा के अधीन किए गए परिवाद पर हस्ताक्षर,—

  1. जहां परिवाद करने वाला न्यायालय उच्च न्यायालय है वहां उस न्यायालय के ऐसे अधिकारी द्वारा किए जाएंगे, जिसे वह न्यायालय नियुक्त करे;
  2. किसी अन्य मामले में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा या न्यायालय के ऐसे अधिकारी द्वारा, जिसे न्यायालय इस संबंध में लिखित रूप से प्राधिकृत करे, किए जाएंगे।

379(4) BNSS | BNSS 379(4)

इस धारा में “न्यायालय” का वही अर्थ है जो धारा 215 में है।

नोट: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 379, कुछ परिवर्तनों के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के स्वरूप है।

Section 379 of BNSS Bare Act

Section 379(1) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act
Section 379(2)(3)(4) of The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita Bare Act

Difficult words of BNSS Section 379

शब्दसरल अर्थ
निर्दिष्टबताया गया
यथास्थितिचीजों को उसी तरह रखना जैसी वे वर्तमान में है
आबद्धबाध्य होना
प्रदत्तजो दिया गया हो
पूर्व कथितजो पहले कहा जा चूका हो
प्राधिकृतविधि द्वारा अधिकार प्राप्त

Read Other Latest Posts Below

Read all the chapters of the Bharatiya Nyaya Sanhita 2023

Reference Link: New Criminal Laws (BNSS), Ministry of Home Affairs

Leave a comment