Section 62 BNS: आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराध को करने का प्रयास करने के लिए सजा

Section 62 BNS | BNS 62

जो कोई इस सहिंता द्वारा आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराध को करने का प्रयत्न करेगा और यदि ऐसे प्रयत्न के दंड के लिए इस संहिता में कोई स्पष्ट उपबंध नहीं किया गया है, तो उस अपराध के लिए उपबंधित आजीवन कारावास की आधी अवधि तक या उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की सबसे लंबी अवधि की आधी अवधि तक के कारावास से या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: भूरा आभूषण चुराने के उद्देश्य से लालू के घर जाकर उसकी संदूक का ताला तोड़कर उससे आभूषण चुराने का प्रयास करता है, लेकिन उस संदूक में आभूषण नहीं होने की वजह से वह कुछ नहीं चुरा पाता। ऐसे मामले में भूरा में चोरी करने की दिशा में कार्य किया है और वह उपरोक्त धारा के अंतर्गत दोषी कहलाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 62, भारतीय दंड संहिता की धारा 511 के समरूप है।

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Section 62 of BNS Bare Act

Section 62 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 62

  1. What is 62 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 62 के तहत अपराधी को आजीवन कारावास की आधी अवधि तक या उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की दीर्घत्तम अवधि की आधी अवधि तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 62 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 62 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 62 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 62 के अंतर्गत किए गए अपराध की प्रकृति के अनुसार देखा जाएगा, कि वह अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय।

  4. Is 62 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 62 के अंतर्गत किए गए अपराध की प्रकृति के अनुसार देखा जाएगा, कि वह अपराध जमानतीय है या गैर जमानतीय।

  5. 62 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 62 के अंतर्गत किए गए अपराध की प्रकृति के अनुसार निर्धारित होगा कि किस न्यायालय के अधीन वह अपराध विचारणीय होगा।

Difficult words of BNS Section 62

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
उपबंधकानूनी प्रावधान 

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