Section 74 BNS: महिला की लज्जा/शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना।

Section 74 BNS | BNS 74

जो कोई किसी महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से या ये जानते हुए कि उसके कार्य से महिला की लज्जा भंग होने की संभावना है, किसी महिला पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा, तो ऐसे व्यक्ति को 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: कालू अपने गांव की एक लड़की शीला से प्यार का इजहार करते हुए शादी करने को कहता है, लेकिन शीला शादी करने से इनकार कर देती है, इस पर कालू नाराज होकर वहां से चला जाता है और 2 दिन बाद शीला को अकेले पाकर उसका बलात्कार करके उसकी सील भंग करने का प्रयास करता है, लेकिन उसी वक्त शीला का भाई आ जाता है और कालू को पुलिस के हवाले कर देता है, इस मामले में कालू को उपरोक्त धारा के अनुसार 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 74, भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के समरूप है।

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Section 74 of BNS Bare Act

Section 74 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 74

  1. What is 74 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 74 के तहत अपराधी को 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 74 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 74 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 74 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 74 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 74 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 74 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 74 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 122(1) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 74

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
लज्जा/शील भंग करना किसी महिला का बलात्कार करके उसक शील भंग करना।

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