Section 76 BNS: महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना

Section 76 BNS | BNS 76

ऐसा कोई पुरुष, जो किसी महिला को निर्वस्त्र करने या निर्वस्त्र होने के लिए बाध्य करने के आशय से उस पर हमला करेगा या उसके प्रति आपराधिक बल का प्रयोग करेगा या ऐसे कृत्य का दुष्प्रेरण करेगा तो उसे 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा एक अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, उसने अपने मोहल्ले में रहने वाली शीला नाम की एक लड़की को अकेला पाकर उसके साथ यौन संबंध बनाने के उद्देश्य से उसे डराया धमकाया और कपड़े उतारने के लिए कहा, शीला इस बात पर रोते हुए थाने पहुंची और उसने भूरा की शिकायत दर्ज करा दी, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 76, भारतीय दंड संहिता की धारा 354-B के समरूप है।

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Section 76 of BNS Bare Act

Section 76 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 76

  1. What is 76 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 76 के तहत अपराधी को 3 साल से 7 साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 76 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 76 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 76 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ है।

  4. Is 76 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 76 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 76 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 76 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता हैं।

Difficult words of BNS Section 76

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
निर्वस्त्रकपड़े उतारना

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