Section 77 BNS | BNS 77
ऐसा कोई पुरुष जो किसी महिला को किसी प्राइवेट कार्य में लगी उन परिस्थितियों में, जिनमें वह आशा करती है कि उसे नहीं देखा जा रहा है, एकटक देखेगा या उस कृत्य में लिप्त किसी व्यक्ति के कहने पर कोई अन्य व्यक्ति उस महिला का फोटो खींचेगा या ऐसे फोटो को दूसरों तक फैलाएगा, तो पहली बार ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्ति को 1 वर्ष से 3 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा, तथा दूसरी बार ऐसा अपराध करने पर उसे 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
स्पष्टीकरण 1: इस धारा में प्राइवेट कार्य का अर्थ ऐसे कार्य से है जो किसी ऐसे स्थान पर किया जाता है, जहां परिस्थितियों के अनुसार गोपनीयता प्रदान करने की उचित उम्मीद की जाती है और जहां पीड़िता के गुप्त अंग, पीछे का हिस्सा या स्तन खुले होते हैं या केवल अंडरवियर से ढके होते हैं या पीड़िता किसी शौचालय का उपयोग कर रही है या पीड़िता यौन संबंध बना रही है, जो कि आमतौर पर सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाता है।
स्पष्टीकरण 2: जहां पीड़िता फोटो खिंचवाने की सहमति देती है लेकिन ऐसे फोटो को अन्य व्यक्तियों को शेयर करने की सहमति नहीं देती है, और जहां ऐसे फोटो या ऐसे कार्य को शेयर किया जाता है तो ऐसे कृत्य को इस धारा के अधीन अपराध माना जाएगा।
उदाहरण 1: लालू और जूली एक ही घर में किराए पर रहते थे, एक दिन जब जूली नहा रही थी तो लालू ने चुपके से गेट के ऊपर से उसके नग्न शरीर की फोटो खींच ली और वह फोटो अपने सभी दोस्तों के पास शेयर कर दी, जब जूली को इसके बारे में पता चला तो उसने लालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी, ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त धारा के अनुसार 1 वर्ष से 3 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण 2: कालू और चमेली आपस में एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे और शादी भी करना चाहते थे, एक दिन कालू के कहने पर चमेली ने अपना नग्न फोटो इस वादे पर खिंचवा लिया कि कालू उस फोटो को किसी के पास शेयर नहीं करेगा, लेकिन कालू ने वो फोटो अपने एक दोस्त को व्हाटस ऐप पर भेज कर दिखा दिया, चमेली को इसका पता चलने पर उसने कालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी, ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त धारा के अनुसार 1 वर्ष से 3 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 77, भारतीय दंड संहिता की धारा 354-C के समरूप है।
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Section 77 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 77
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What is 77 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 77 के तहत पहली बार अपराध करने पर 1 वर्ष से 3 वर्ष तक के कारावास से और दूसरी बार अपराध करने पर 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 77 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 77 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 77 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 77 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 77 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 77 के अंतर्गत पहली बार किये गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं और दूसरी बार किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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77 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 77 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 77
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
एकटक देखना | लगातार देखते रहना |
कृत्य | कार्य |
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