Section 78 BNS: जानें किसी महिला का पीछा करने पर क्या सजा मिलती है

Section 78 BNS | BNS 78

78(1) BNS | BNS 78(1) | Stalking Meaning

भारतीय न्याय संहिता की धारा 78(1) के अनुसार ऐसा कोई पुरुष, जो—

(i) किसी महिला के द्वारा स्पष्ट रूप से अरुचि दिखाने के बावजूद यदि कोई व्यक्ति उसका पीछा करता है और वह व्यक्ति ऐसी महिला से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने के लिए बार-बार संपर्क करने का प्रयास करता है; या

(ii) जो कोई किसी महिला द्वारा इंटरनेट, ईमेल या किसी अन्य प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक संचार का प्रयोग किए जाने को लेकर निगरानी करता है, तो वह पीछा करने का अपराध करता है।

उदाहरण: भूरा और शीला 12वीं क्लास में साथ-साथ पढ़ते हैं, भूरा शीला को पसंद करता है इसलिए वह हर रोज शीला के घर तक उसके पीछे-पीछे जाता है, शीला इस हरकत से परेशान होकर भूरा को ऐसा न करने की सलाह देती है लेकिन भूरा नहीं मानता, अंततः शीला इसको लेकर भूरा के खिलाफ शिकायत दर्ज करा देती है, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार पीछा करने का अपराधी माना जायेगा।

परन्तु ऐसा आचरण पीछा करने की श्रेणी में नहीं आएगा, यदि वह पुरुष ये साबित कर देता है कि—

(i) ऐसा कार्य अपराध के निवारण या पता लगाने के उद्देश्य से किया गया था और पीछा करने वाले अभियुक्त पुरुष को राज्य द्वारा उस अपराध के निवारण और पता लगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था; या

(ii) ऐसा किसी कानून के अधीन किया गया था या किसी कानून के तहत किसी व्यक्ति द्वारा किसी स्थिति या आवश्यकता का पालन करने के लिए किया गया था; या

(iii) किसी विशेष परिस्थिति में ऐसा आचरण उचित एवं न्यायोचित था।

उदाहरण: भूरा राजस्थान के अलवर जिले में रहता है और वहां के प्रशासन को भूरा पर शक है कि वह देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त है, इसका पता लगाने के लिए वहां के प्रशासन द्वारा एक अधिकारी लालसिंह को भूरा की जासूसी करने के लिए उसके पीछे लगा दिया जाता है, ऐसे मामले में लालसिंह राज्य के हित में कार्य कर रहा था इसलिए उसे पीछा करने का अपराधी नहीं समझा जायेगा।

78(2) BNS | BNS 78(2) | Stalking Punishment

भारतीय न्याय संहिता की धारा 78(2) के अनुसार, जो कोई पीछा करने का अपराध करेगा, उसे पहली बार ऐसा अपराध करने पर 3 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा और यदि वह दूसरी बार या बाद में ऐसा अपराध करता है, तो उसे 5 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 78, भारतीय दंड संहिता की धारा 354-D के समरूप है।

READ OTHER SECTIONS OF CHAPTER V — OF OFFENCES AGAINST WOMAN AND CHILD

Section 78 of BNS Bare Act

Section 78 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 78

  1. What is 78 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 78 के तहत पहली बार अपराध करने पर 3 वर्ष तक के कारावास से और दूसरी बार या बाद में ऐसा अपराध करने पर 5 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 78 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 78 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 78 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 78 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 78 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 78 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 78 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 78 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 78

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
अरूचि दिलचस्पी ना होना
निवारण सुधार करना/किसी गलती को सही करना
अभियुक्त आरोपी
न्यायोचित जो न्याय सांगत हो

Read Other Latest Posts Below

Reference Links:

Leave a comment