Section 79 BNS: किसी महिला की लज्जा का अपमान करने के उद्देश्य से बोले गए शब्द, इशारे या कार्य

Section 79 BNS | BNS 79

जो कोई किसी महिला की लज्जा को अपमानित करने के आशय से कोई शब्द बोलेगा, कोई ध्वनि या इशारा करेगा या किसी भी रूप से कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, जिसका आशय यह हो कि ऐसा शब्द या ध्वनि उस महिला को सुनाई दे या ऐसा इशारा या वस्तु उस महिला को दिखाई दे या ऐसी महिला की एकांतता का अतिक्रमण करेगा, तो ऐसे व्यक्ति को 3 वर्ष तक के सादा कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय होगा। 

उदाहरण: भूरा और शीला एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, भूरा चरित्रहीन प्रवृत्ति का व्यक्ति है, एक दिन भूरा ने शीला को रेप की धमकी दी और उसे अपमानित किया, शीला ने भूरा की शिकायत थाने में जाकर दर्ज करा दी, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार 3 वर्ष तक की सादा कैद से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 79, भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के समरूप है।

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Section 79 of BNS Bare Act

Section 79 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 79

  1. What is 79 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 79 के तहत अपराधी को 3 वर्ष तक के सादा कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 79 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 79 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 79 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 79 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 79 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 79 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 79 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 79 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 79

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
महिला की लज्जा का अपमान करना महिला के प्राइवेट पार्ट को लेकर उसे अपमानित करना
अतिक्रमण करना दूसरों के अधिकारों, समय आदि पर नियंत्रण करना

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