Section 82 BNS | BNS 82
82(1) BNS | BNS 82(1)
जो कोई अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए किसी दशा में विवाह करेगा, तो ऐसा विवाह उस पति या पत्नी के जीवित होने के वजह से शून्य माना जाएगा और उसे ऐसा करने के लिए 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
अपवाद: यह उपधारा ऐसे किसी व्यक्ति पर लागू नहीं होगी, जिसका ऐसे पति या पत्नी के साथ विवाह किसी सक्षम अधिकारिता के न्यायालय द्वारा शून्य घोषित कर दिया गया हो और न ही ये उपधारा ऐसे किसी व्यक्ति पर लागू होगी, जो पहले से शादीशुदा है, लेकिन उसका पति या पत्नी बाद में किए जा रहे विवाह के वक्त उसके साथ 7 साल तक लगातार अनुपस्थित रहा हो,
और उन 7 सालों में यह नहीं सुना गया हो कि वह जीवित है, लेकिन बाद में विवाह करने वाला व्यक्ति उस विवाह के होने से पहले उस व्यक्ति को, जिसके साथ विवाह किया जा रहा है, सभी तथ्यों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराए, जहां तक कि उनका ज्ञान उसको हो।
82(2) BNS | BNS 82(2)
जो कोई उपधारा (1) के अधीन अपराध करेगा और जिससे बाद में विवाह किया गया है, उससे पहले विवाह के तथ्य को छुपाएगा, तो उसे 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: भूरा और शीला पति-पत्नी है लेकिन भूरा का प्रेम चमेली के साथ भी है, भूरा चमेली से अपने विवाह की बात को छिपाकर उसके साथ भी शादी कर लेता है, ऐसे मामले में भूरा की दूसरी शादी विधिपूर्ण/वैध नहीं समझी जाएगी और उसे 10 साल तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 82, भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के समरूप है।
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Section 82 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 82
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What is 82 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 82(1) के तहत अपराधी को 7 साल तक के कारावास से और धारा 82(2) के तहत अपराधी को 10 साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 82 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 82(1) और 82(2) में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 82 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 82(1) और धारा 82(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।
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Is 82 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 82(1) और धारा 82(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।
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82 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 82(1) और धारा 82(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता हैं।
Difficult words of BNS Section 82
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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