Section 83 BNS | BNS 83
जो कोई बेईमानी से या कपटपूर्ण आशय से विवाह समारोह करेगा, यह जानते हुए कि वह विधिपूर्वक विवाहित नहीं हुआ है, तो उसे 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: कालू और जूली दोनों दोस्त हैं, जूली ईसाई धर्म की है और कालू से विवाह करना चाहती है, कालू उससे विवाह किए बिना ही सहवास करना चाहता था, इसलिए उसने जूली को कपटपूर्णता के साथ हिंदू विवाह के अनुसार विवाह करने को राजी किया, लेकिन सात फेरों के अलावा बाकी सभी कर्मकांड पूरे किए। ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त धारा के अनुसार 7 साल तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 83, भारतीय दंड संहिता की धारा 496 के समरूप है।
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Section 83 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 83
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What is 83 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 83 के तहत अपराधी को 7 साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 83 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 83 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 83 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 83 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।
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Is 83 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 83 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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83 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 83 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता हैं।
Difficult words of BNS Section 83
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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