Section 88 BNS | BNS 88
जो कोई किसी गर्भवती महिला का स्वेच्छा से गर्भपात कारित करेगा, यदि ऐसा गर्भपात उस महिला का जीवन बचाने के उद्देश्य से सद्भावपूर्वक कारित न किया गया हो, तो उसे 3 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा, और यदि वह महिला स्पंदनगर्भा हो, यानी ऐसी गर्भावस्था में हो जिसमें गर्भ में बच्चे की हलचल को महसूस किया जा सकता हो, तो ऐसे गर्भपात को कारित करने पर उसे 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
स्पष्टीकरण: जो कोई महिला स्वयं अपना गर्भपात कारित करती है, वह इस धारा के अर्थ के अंतर्गत आती है, अर्थात उस महिला पर इस धारा के अंतर्गत मुकदमा किया जा सकेगा।
उदाहरण 1: शीला नाम की एक महिला जो 3 माह की गर्भावस्था में है, वह अपने पति से बिना बताए अस्पताल जाकर गर्भपात करा देती है, ऐसे मामले मे शीला और चिकित्सक द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 88 का उल्लंघन किया गया है इसलिए इन दोनों को इस अपराध के लिए 3 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
उदाहरण 2: चमेली नाम की एक महिला जो 3 माह की गर्भावस्था में है, उसके गर्भ में इंफेक्शन होने की वजह से एक रजिस्ट्रीकृत डॉक्टर द्वारा उसका गर्भपात कराने की सलाह दी जा चुकी हो, अब यदि चमेली गर्भपात कराती है तो ऐसा गर्भपात कराने पर किसी को दोषी नहीं समझा जाएगा।
उदाहरण 3: जूली नाम की एक महिला जो 6 माह की गर्भावस्था में है, और उसके गर्भ में बच्चा हलचल करने लगा है, जूली और उसका पति भूरा अस्पताल जाकर उस बच्चे का गर्भपात करा देते हैं, इस मामले में जूली, भूरा और चिकित्सक को भारतीय न्याय संहिता की धारा 88 के तहत 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और ये सब लोग जुर्माने के लिए भी दायी होंगे।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 88, भारतीय दंड संहिता की धारा 312 के समरूप है।
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Section 88 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 88
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What is 88 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 88 के तहत गर्भपात के मामले में अपराधी को 3 वर्ष तक के कारावास से और स्पंदनगर्भा के गर्भपात के मामले में अपराधी को 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 88 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 88 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 88 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 88 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।
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Is 88 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 88 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।
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88 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 88 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 88
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गर्भपात | गर्भ में भ्रूण का 20 सप्ताह से पहले ही ख़त्म हो जाना या ख़त्म किया जाना। |
सद्भावपूर्वक | साफ़ नीयत से |
स्पंदनगर्भा गर्भावस्था | गर्भावस्था का वो समय जब गर्भ में बच्चे की हलचल को महसूस किया जा सकता हो। |
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