Section 89 BNS: महिला की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना

Section 89 BNS | BNS 89

जो कोई किसी महिला की सहमति के बिना, चाहे वह महिला स्पंदनगर्भा हो या नहीं, धारा 88 के अधीन अपराध करेगा, उसे आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा की पत्नी शीला 6 माह की स्पंदन गर्भावस्था में है, भूरा ने शीला की सहमति के बिना शीला के गर्भ में बालक का लिंग परीक्षण कराया, गर्भ में लड़की थी, ये पता चलने पर भूरा ने शीला को दवाब में लेकर उसका गर्भपात करवा दिया, शीला के भाई लालू को पता चलने पर उसने भूरा पर मुकदमा दायर कर दिया। इस मामले में भूरा और चिकित्सक को उपरोक्त धारा के तहत आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वे जुर्माने के लिए भी दायी होंगे। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 89, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 313 के समरूप है।

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Section 89 of BNS Bare Act

Section 89 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 89

  1. What is 89 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 89 के तहत अपराधी को आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 89 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 89 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 89 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 89 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 89 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 89 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 89 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 89 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता हैं।

Difficult words of BNS Section 89

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
स्पंदनगर्भा गर्भावस्थागर्भावस्था का वो समय जब गर्भ में बच्चे की हलचल को महसूस किया जा सकता हो।
गर्भपातगर्भ में भ्रूण का 20 सप्ताह से पहले ही ख़त्म हो जाना या ख़त्म किया जाना।

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