Section 91 BNS | BNS 91
जो कोई किसी बालक के जन्म से पहले कोई कार्य इस आशय से करेगा कि उस बालक का जीवित पैदा होना रोका जाए, या जन्म के बाद उसकी मृत्यु कारित हो जाए, या कोई किसी बालक के जन्म से पहले ही उसके मां के पेट में मृत्यु कर दे, या उसके जन्म के बाद उसकी मृत्यु कर दे, यदि वह कार्य माता के जीवन को बचाने के उद्देश्य से सदभावपूर्वक नहीं किया गया हो, तो उसे 10 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण 1: शीला एक गर्भवती महिला है, भूरा उसका पति है, उन दोनों का झगड़ा होता है और भूरा गुस्से से शीला को धक्का दे देता है, जिससे शीला के पेट में ही उसके बच्चे की मौत हो जाती है, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार दंडित किया जाएगा, जिसमें उसे 10 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण 2: जूली एक गर्भवती महिला है, कालू उसका पति है, जूली को पेट में तेज दर्द है और बच्चा पैदा होने वाला है, कालू अपनी पत्नी को पकड़कर हॉस्पिटल ले जाने में मदद कर रहा था, तभी जूली का पैर फिसलता है और वह नीचे गिर जाती है, कालू उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाता है, लेकिन प्रसव के बाद उस बच्चे की मौत हो जाती है। ऐसे मामले में कालू को निर्दोष समझा जाएगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 91, भारतीय दंड संहिता की धारा 315 के समरूप है।
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Section 91 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 91
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What is 91 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 91 के तहत अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 91 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 91 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 91 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 91 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 91 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 91 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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91 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 91 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 91
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
सदभावपूर्वक | साफ़ नीयत से |
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