Section 232 BNS: किसी व्यक्ति को मिथ्या साक्ष्य देने के लिए धमकाना

Section 232 BNS | BNS 232

232(1) BNS | BNS 232(1)

जो कोई किसी अन्य व्यक्ति को उसके शरीर, प्रतिष्ठा या संपत्ति को या उस अन्य व्यक्ति से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर या प्रतिष्ठा को इस आशय से क्षति पहुंचाने की धमकी देता है कि वह व्यक्ति मिथ्या साक्ष्य दे, तो उसे 7 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: भूरा पर रेप का मुकदमा चल रहा था, जिस पक्ष ने भूरा पर मुकदमा किया था, भूरा के भाई लालू ने उस पक्ष के गवाहों को गवाही के बयान बदलने को लेकर धमकी दी, ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त उपाधारा के अनुसार 7 साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

232(2) BNS | BNS 232(2)

यदि कोई निर्दोष व्यक्ति उपधारा (1) में बताए गए साक्ष्य के परिणामस्वरुप मृत्यु से या सात वर्ष से अधिक के कारावास से दोषसिद्ध और दंडित किया जाता है, तो धमकाकर मिथ्या साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को वैसे ही दंडित किया जाएगा जैसे कि वह निर्दोष व्यक्ति दंडित किया गया था।

उदाहरण: लालसिंह पर एक क्रूरता से किए गए मर्डर का मुकदमा चल रहा था, जिस पक्ष ने लालसिंह पर मुकदमा किया था उस परिवार के एक व्यक्ति भल्ला ने झूठी गवाही दी, जिसकी वजह से लालसिंह को फांसी हो गयी, ऐसे मामले में भल्ला को उपरोक्त उपधारा के अनुसार फांसी की सजा दी जा सकेगी।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 232, भारतीय दंड संहिता की धारा 195-A के समरूप है।

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Section 232 of BNS Bare Act

Section 232 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 232

  1. What is 232 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 232(1) के तहत अपराधी को 7 साल तक के कारावास से और धारा 232(2) के तहत मिथ्या साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को वैसे ही दंडित किया जाएगा जैसे कि उस मिथ्या साक्ष्य की वजह से वह निर्दोष व्यक्ति दंडित किया गया था।

  2. What is the fine under section 232 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 232(1) में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है और धारा 232(2) के तहत अपराधी को वैसे ही जुर्माने से दण्डित किया जाता है, जैसा कि उसके मिथ्या साक्ष्य देने की वजह से उस निर्दोष व्यक्ति पर जुर्माना लगाया गया था।

  3. Is 232 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 232(1) और धारा 232(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 232 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 232(1) और धारा 232(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘ग़ैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 232 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 232(1) और धारा 232(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई वह न्यायालय करेगा जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है।

Difficult words of BNS Section 232

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं
क्षति पंहुचाना नुक्सान पंहुचाना

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