Section 110 BNSS | BNSS 110
110(1) BNSS | BNSS 110(1)
अगर किसी न्यायालय, जिस पर इस संहिता का विस्तार है (इसे यहां “उक्त राज्यक्षेत्र” कहा गया है), को किसी मामले में निम्नलिखित में से किसी भी कार्यवाही के लिए समन या वारंट जारी करना हो:
(क) किसी अभियुक्त व्यक्ति के नाम पर समन जारी करना;
(ख) किसी अभियुक्त व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करना;
(ग) किसी व्यक्ति के नाम पर यह अपेक्षा करने वाला समन जारी करना कि वह किसी दस्तावेज़ या अन्य चीज़ को प्रस्तुत करे, या खुद उपस्थित हो और उसे प्रस्तुत करे;
(घ) किसी तलाशी वारंट जारी करना;
तो ऐसे समन या वारंट को लागू करने के लिए:
(i) अगर वह स्थान भारत में है, लेकिन उस न्यायालय के क्षेत्र से बाहर है, तो न्यायालय उस समन या वारंट की दो प्रतियां डाक या अन्य माध्यम से उस क्षेत्र के संबंधित न्यायालय के अधिकारी को भेज सकता है। जहां खंड (क) या (ग) में निर्दिष्ट समन की तामील ऐसे की जाती है, वहां धारा 70 के प्रावधान उस समन पर लागू होंगे, जैसे कि जिस न्यायालय को वह भेजा गया है उसका अधिकारी उस क्षेत्र में मजिस्ट्रेट हो।
(ii) अगर वह स्थान भारत के बाहर है और उस देश के साथ केंद्रीय सरकार ने समन या वारंट लागू करने की व्यवस्था कर रखी है (जिसे यहां “संविदाकारी राज्य” कहा गया है), तो यह समन या वारंट उस देश में संबंधित न्यायालय, न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को दो प्रतियों में, निर्धारित प्ररूप में, और पारेषण के लिए उस प्राधिकारी को भेजा जाएगा जिसे केंद्रीय सरकार ने इस उद्देश्य के लिए अधिसूचना द्वारा नियुक्त किया है।
110(2) BNSS | BNSS 110(2)
जहाँ उक्त राज्यक्षेत्रों के किसी न्यायालय को निम्नलिखित में से किसी प्रकार का आदेश प्राप्त होता है:
(क) किसी अभियुक्त व्यक्ति के नाम पर समन;
(ख) किसी अभियुक्त व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए वारंट;
(ग) किसी व्यक्ति से यह अपेक्षा करने वाला समन कि वह कोई दस्तावेज या अन्य चीज प्रस्तुत करे, या उपस्थित होकर उसे प्रस्तुत करे;
(घ) कोई तलाशी वारंट,
जो निम्न में से किसी के द्वारा जारी किया गया हो:
(I) भारत में उन राज्यक्षेत्रों से बाहर किसी राज्य या क्षेत्र के न्यायालय द्वारा;
(II) किसी संविदाकारी राज्य के न्यायालय, न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट द्वारा,
तो वह न्यायालय उसकी तामील या निष्पादन ऐसे करेगा मानो उसे ऐसा समन या वारंट अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर ही प्राप्त हुआ है, जहां—
(i) गिरफ्तारी वारंट निष्पादित किया जाता है, वहां गिरफ्तार व्यक्ति के संबंध में धारा 82 और धारा 83 में विहित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जाएगी;
(ii) तलाशी वारंट निष्पादित किया जाता है, तो तलाशी में मिली चीजों के बारे में कार्यवाही धारा 104 में विहित प्रक्रिया के अनुसार की जाएगी।
परंतु जहां संविदाकारी राज्य से प्राप्त समन या तलाशी वारंट का निष्पादन किया गया है, वहां तलाशी में प्राप्त दस्तावेज या चीजें या पाई गई चीजें, उस न्यायालय को अग्रेषित की जाएंगी जिसने वह समन या तलाशी वारंट जारी किया था। यह अग्रेषण एक ऐसे प्राधिकारी के माध्यम से किया जाएगा जिसे केंद्रीय सरकार ने इस उद्देश्य के लिए अधिसूचना द्वारा नियुक्त किया है।
नोट: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 110, कुछ परिवर्तनों के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 105 के समरूप है।
Section 110 of BNSS Bare Act
Difficult words of BNSS Section 110
शब्द | सरल अर्थ |
---|---|
अभियुक्त | आरोपी |
समन | नोटिस |
सूचना की तामील | किसी को सूचना देना |
प्रतियां | फोटो कॉपियां |
पारेषण | किसी वस्तु, सूचना या व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना या स्थानांतरित करना |
प्राधिकारी | वह व्यक्ति या संस्था जिसे किसी विशेष कार्य या अधिकार को पूरा करने की जिम्मेदारी या सत्ता विधिवत प्रदान की गई हो |
अधिसूचना | नोटिफिकेशन |
निष्पादन | कार्य को अमल में लाना |
विहित | जो नियमों, कानूनों या विधियों द्वारा निर्धारित या निर्देशित किया गया हो |
अग्रेषण | किसी चीज़ को आगे भेजना या प्रेषित करना |
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Reference Link: New Criminal Laws (BNSS), Ministry of Home Affairs