Section 100 BNS: आपराधिक मानव वध

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आपराधिक मानव वध: जो कोई भी यदि किसी व्यक्ति को मृत्यु या शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने के आशय से, यह जानते हुए भी ऐसा कार्य करता है कि उस कार्य से उस व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना है तो यह अपराधिक मानव वध कहलाएगा।

उदाहरण: भूरा अपने मोहल्ले में रहने वाले लालू पर झगड़े के दौरान अचानक से एक बिना धार वाले चाकू से वार करता है, जिससे लालू घायल हो जाता है और उसकी मृत्यु होने की भी संभावना थी। यह मामला आपराधिक मानव वध का कहलाएगा, क्योंकि इस मामले में भूरा के द्वारा लालू की मृत्यु कारित करने का इरादा और संभावना बहुत ज्यादा प्रबल नहीं दिखाई देते।

स्पष्टीकरण 1: यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को, जो किसी विकार, रोग या शारीरिक दुर्बलता से ग्रस्त है, शारीरिक चोट पहुंचाता है और इस प्रकार उस अन्य व्यक्ति की मृत्यु को त्वरित कर देता है, तो यह माना जाएगा कि उसने उसकी मृत्यु कारित की है।

स्पष्टीकरण 2: जहां की शारीरिक क्षति से मृत्यु कारित की गई हो, वहां जिस व्यक्ति ने ऐसी शारीरिक क्षति कारित की हो, उसने वह मृत्यु कारित की है, यह समझ जाएगा, यद्द्पि उचित उपचार और कौशलपूर्ण चिकित्सा करने से वह मृत्यु रोकी जा सकती थी।

स्पष्टीकरण 3: मां के गर्भ में स्थित किसी बालक की मृत्यु कारित करना मानव वध नहीं है, किंतु किसी जीवित बालक की मृत्यु कारित करना आपराधिक मानव वध कहलाएगा, यदि उस बालक का कोई भाग बाहर निकल आया हो, चाहे उसे बालक ने सांस नहीं ली हो या उसने पूर्णतया जन्म नहीं लिया हो, तो भी ऐसे बालक की मृत्यु करना आपराधिक मानव वध ही माना जायेगा।

नोट 1: भारतीय न्याय संहिता की धारा 100, भारतीय दंड संहिता की धारा 299 के समरूप है।

नोट 2: आपराधिक मानव वध के मामलों में सजा के प्रावधान भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 में दिए गए हैं, जानने के लिए क्लिक करें- गैर इरादतन हत्या के लिए सजा (Section 105 BNS)

अतिरिक्त जानकारी: आपराधिक मानव वध और हत्या में निम्नलिखित अंतर हो सकते हैं-

  • आपराधिक मानव वध में किसी की मृत्यु कारित करने का इरादा हत्या की तुलना में कम होता है,
  • आपराधिक मानव वध में ऐसे कार्य की जानकारी जिससे मृत्यु होने की संभावना है, हत्या की तुलना में कम होती है,
  • आपराधिक मानव वध के मामलों में अपराध की गंभीरता हत्या की तुलना में कम होती है, और
  • आपराधिक मानव वध के मामलों में अपराध की गंभीरता हत्या की तुलना में कम होती है, और
  • आपराधिक मानव वध के मामलों में ऐसे कार्य की जानकारी जिससे मृत्यु कारित होने की संभावना है, हत्या की तुलना में कम होती है।

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