Section 115 BNS: स्वेच्छा से उपहति कारित करना

Section 115 BNS | BNS 115

115(1) BNS | BNS 115(1) | Voluntarily Causing Hurt Definition

भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(1) के अनुसार, जो कोई किसी कार्य को इस आशय से करता है कि उस कार्य से किसी व्यक्ति को आघात पहुंचे या जो कोई किसी कार्य को इस ज्ञान के साथ करता है कि उस कार्य से किसी को आघात पहुंचने की संभावना हो तो इसे स्वेच्छा से आघात पहुंचाना माना जाएगा।

115(2) BNS | BNS 115(2)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) के अनुसार, जो कोई भारतीय न्याय संहिता की धारा 122(1) के अधीन उपबंधित मामले के अलावा किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाता है, तो उसे 1 वर्ष तक के कारावास या ₹10,000 तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण 1: भूरा सड़क पर जा रहा था, लालू ने पीछे से गाड़ी का हॉर्न बजाया तो भूरा ने इस पर गुस्सा करते हुए लालू को मुक्के से मारा, जिससे लालू की नाक से खून बह गया। इस मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 1 वर्ष तक के कारावास या ₹10,000 तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण 2: भूरा और लालू पड़ोसी हैं, भूरा ने लालू को मोटा कहकर चिड़ाया और ताना दिया कि वह गेंडे की तरह दिखता है, लालू ने भूरा को इस पर चेतावनी दी कि यदि वह दोबारा ऐसी हरकत ना करे, लेकिन भूरा ने लालू को दोबारा चिड़ाया और ताना दिया, इस पर लालू ने भूरा पर मुक्के से वार किया जिससे भूरा की नाक से खून बह गया। ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 1 वर्ष तक के कारावास या ₹10,000 तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 115, भारतीय दंड संहिता की धारा 321 और 323 के समरूप है।

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Section 115 of BNS Bare Act

Section 115 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 115

  1. What is 115(2) BNS punishment?

    बीएनएस 115(2) के तहत अपराधी को 1 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 115 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस 115(2) के तहत अपराध करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

  3. Is 115 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस 115 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।

  4. Is 115(2) BNS bailable or not?

    बीएनएस 115 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 115 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस 115 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है।

Difficult words of BNS Section 115

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
उपहति/आघातप्रहार करके चोट पंहुचना
स्वेच्छा सेखुद की इच्छा से/जानबूझकर

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