Section 102 BNS | BNS 102
किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा कार्य जिसका इरादा किसी की मृत्यु कारित करना हो या वह जानता हो कि उस कार्य से किसी की मृत्यु होने की संभावना है, यदि ऐसे कार्य से किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु कारित करके आपराधिक मानव वध करता है, जिसकी मृत्यु का न तो वह इरादा रखता है और न ही वह स्वयं जानता है कि ऐसी संभावना है, तो अपराधी द्वारा किया गया आपराधिक मानव वध उसी प्रकार का माना जाएगा जैसा कि तब होता यदि उसने उस व्यक्ति की मृत्यु कारित की होती, जिसकी मृत्यु कारित करने का उसका इरादा था या मृत्यु कारित होने की संभावना थी।
उदाहरण: भूरा का लालू से बाजार में अचानक झगड़ा हुआ, और लालसिंह इस झगड़े को सुलझाने के लिए बीच में आ गया, भूरा ने लालू पर डंडे से वार किया लेकिन लालसिंह के बीच में आने की वजह से उसके सिर पर डंडा लग गया, जिसकी वजह से लालसिंह की मृत्यु हो गई, तो ऐसे मामले में मन जायेगा कि भूरा ने आपराधिक मानव वध का अपराध किया है।
नोट 1: भारतीय न्याय संहिता की धारा 102, भारतीय दंड संहिता की धारा 301 के समरूप है।
नोट 2: आपराधिक मानव वध की परिभाषा भारतीय न्याय संहिता की धारा 100 में दी गयी है, जानने के लिए क्लिक करें- आपराधिक मानव वध (Section 100 BNS)
नोट 3: आपराधिक मानव वध के मामलों में सजा के प्रावधान भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 में दिए गए है, जानने के लिए क्लिक करें- गैर इरादतन हत्या के लिए सजा (Section 105 BNS)
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Section 102 of BNS Bare Act
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