Section 103 BNS | BNS 103
103(1) BNS | BNS 103(1)
जो कोई हत्या करेगा, वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: भूरा का अपने भाई लालू से पुस्तैनी जमीन को लेकर पुराना विवाद था, एक दिन भूरा ने योजना के तहत लालू पर गोली चलाई जिससे लालू की मृत्यु हो गयी, ऐसे मामले में बूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा।
103(2) BNS | BNS 103(2)
जब पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का कोई समूह मिलकर मूलवंश, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म, स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समरूप आधार पर हत्या करेगा, तो ऐसे समूह के प्रत्येक सदस्य को मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: एक गांव में A, B, C, D, E और F ने मिलकर जातिवाद को लेकर एक ईसाई व्यक्ति जॉन की हत्या कर दी, ऐसे मामले में सभी A, B, C, D, E और F को उपरोक्त उपधारा के अनुसार मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा।
नोट 1: भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) कुछ परिवर्तनों के साथ, भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के समरूप है।
नोट 2: हत्या की संपूर्ण जानकारी भारतीय न्याय संहिता की धारा 101 में दी गई है, जानने के लिए क्लिक करें- हत्या की धारा (Section 101 BNS)
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Section 103 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 103
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What is 103 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 103(1) और 103(2) के तहत अपराधी को मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 103 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 103 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 103 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 103(1) और 103(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 103 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 103(1) और 103(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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103 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 103(1) और 103(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
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What is the punishment for killing someone in India?
भारत में किसी की हत्या करने पर अपराधी को मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जा सकता है।
Difficult words of BNS Section 103
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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