Section 104 BNS | BNS 104
जो कोई आजीवन कारावास के दंडादेश के अधीन होते हुए भी हत्या करेगा, वह मृत्यु या आजीवन कारावास, (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण: भूरा, जिसे पहले ही किसी अपराध की वजह से आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी, लेकिन जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद वह लालू नाम के व्यक्ति की हत्या कर देता है, ऐसे मामले में भूरा को मृत्यु या आजीवन कारावास, (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया जाएगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 104, कुछ परिवर्तनों के साथ, भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के समरूप है।
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Section 104 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 104
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What is 104 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 104 के तहत अपराधी को मृत्यु या आजीवन कारावास, (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया है।
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What is the fine under section 104 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 104 में जुर्माने की राशि का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
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Is 104 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 104 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 104 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 104 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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104 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 104 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 104
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
दण्डादेश | न्यायाधीश द्वारा सुनाई दी गयी सजा। |
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