Section 105 BNS | BNS 105
जो कोई व्यक्ति ऐसा आपराधिक मानव वध करेगा जो हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, तो उसे आजीवन कारावास या 5 से 10 वर्ष तक के कारावास या दोनों से दंडित किया जाएगा, और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
यदि वह कार्य जिसके कारण मृत्यु हुई है या ऐसी शारीरिक क्षति पंहुचने का कार्य जानबूझकर या बिना आशय के किया गया है, तो उसे 10 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण 1:भूरा और लालू बाजार में ठेली लगते थे, एक दिन ठेली के स्थान को लेकर दोनों में लड़ाई हो गयी जिसमें भूरा ने डंडे से लालू पर वार किया और लालू की मृत्यु हो गयी, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त धारा के अनुसार 5 से 10 वर्ष तक के कारावास या दोनों से दंडित किया जाएगा, और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण 2: कालू की अपनी गली में एक अनजान व्यक्ति लालसिंह से तेज मोटरसाईकल चलने को लेकर लड़ाई हो गयी जिसमें कालू ने लालसिंह को इतना पीटा कि उसकी मृत्यु हो जाती, लेकिन लालसिंह को सही समय पर अस्पताल ले जाने की वजह से उसकी जान बच गयी, ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त धारा के अनुसार 10 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।
नोट 1: भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, कुछ परिवर्तनों के साथ, भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के समरूप है।
नोट 2: आपराधिक मानव वध की परिभाषा भारतीय न्याय संहिता की धारा 100 में दी गई है, जानने के लिए क्लिक करें- आपराधिक मानव वध (Section 100 BNS)
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Section 105 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 105
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What is 105 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 105 के तहत आपराधिक मानव वध के अपराधी को आजीवन कारावास या 5 से 10 वर्ष तक के कारावास या सिर्फ 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 105 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 105 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 105 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 105 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 105 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 105 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय ‘ हैं।
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105 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 105 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 105
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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