Section 109 BNS | BNS 109
109(1) BNS | BNS 109(1)
जो कोई किसी कार्य को ऐसे इरादे या ज्ञान से ऐसी परिस्थितियों में करता है कि उस कार्य से वह किसी की मृत्यु कर देता, तो वह हत्या का दोषी होता, ऐसे कार्य के लिए उसे 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा, और यदि ऐसे कार्य द्वारा किसी व्यक्ति को पीड़ा दी गई हो, तो उसे आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दण्डित किया जा सकेगा।
उदाहरण 1: यदि भूरा हत्या के इरादे से लालू पर बंदूक से गोली चलाता है, लेकिन निशाना चूक जाता है, भले ही लालू को कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन भूरा द्वारा लालू की हत्या करने का इरादा स्पष्ट था, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण 2: यदि कालू हत्या के इरादे से लालसिंह पर धारदार चाकू से वार करता है, जिससे लालसिंह जख्मी भी हो जाता है, भले ही इस मामले में भी लालसिंह की मृत्यु न हुई हो, लेकिन कालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार आजीवन कारावास से या ऐसे दंड से दंडित किया जाएगा। (जैसा कि पूर्व उल्लेखित है)
109(2) BNS | BNS 109(2)
यदि कोई व्यक्ति आजीवन कारावास के दंड के अधीन होते हुए भी धारा 109(1) के अधीन किसी व्यक्ति ने यदि ऐसे कार्य द्वारा किसी व्यक्ति को पीड़ा दी हो, तो उसे मृत्यु या आजीवन कारावास (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण: भूरा पहले के किसी मुकदमे में आजीवन कारावास से दंडित है, इसके बावजूद भी वह हत्या के इरादे से कालू पर धारदार चाकू से वार करता है, जिससे कालू जख्मी भी हो जाता है, भले ही इस मामले में भी कालू की मृत्यु न हुई हो, लेकिन ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार मृत्यु या आजीवन कारावास (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया जाएगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के समरूप है।
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Section 109 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 109
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What is 109 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 109(1) के तहत हत्या करने के प्रयास के लिए अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से, पीड़ा देकर हत्या करने के प्रयास के लिए अपराधी को आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दण्डित किया जा सकता है।
और धारा 109(2) के तहत अपराधी को मृत्यु या आजीवन कारावास (जो उस व्यक्ति के बचे हुए प्राकृतिक जीवन काल के लिए होगा) से दंडित किया जाएगा।
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What is the fine under section 109 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 109(1) में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 109 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 109(1) और 109(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 109 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 109(1) और 109(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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109 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 122(1) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 109
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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