Section 119 BNS | BNS 119
119(1) BNS | BNS 119(1)
भारतीय न्याय संहिता की धारा 119(1) के अनुसार, जो कोई इस उद्देश्य से किसी को स्वेच्छा से आघात पहुंचाएगा कि पीड़ित व्यक्ति से या उससे जुड़े किसी दुसरे व्यक्ति से कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति ली जाए या पीड़ित व्यक्ति को या उससे जुड़े किसी दुसरे व्यक्ति को ऐसे कार्य को करने के लिए विवश किया जाए, जो अवैध हो या जिससे किसी अपराध को किए जाने में मदद मिल पाए, तो ऐसे मामले में स्वेच्छा से आघात पहुंचाने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: भूरा एक अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जो लालू के प्लाट को हड़पने के इरादे से लालू को डराता धमकाता है और उसके द्वारा विरोध करने पर उससे झगड़ा करना शुरू कर देता है, उस हाथापाई में लालू घायल हो जाता है, ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
119(2) BNS | BNS 119(2)
भारतीय न्याय संहिता की धारा 119(2) के अनुसार, जो कोई धारा 119(1) में दिए गए किसी प्रयोजन के लिए स्वेक्षा से घोर आघात पहुंचता है, तो ऐसे व्यक्ति को आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
उदाहरण: कालू एक अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जो लालसिंह की जमीन को हड़पने के इरादे से उस पर दबाव बनाता है, कि वह जमीन को कालू के नाम कर दे, लालसिंह ऐसा करने से मना कर देता है, जिसके बाद कालू गुस्से से लालसिंह पर चाकू से हमला कर देता है, जिससे लालसिंह गंभीर रूप से घायल हो जाता है, ऐसे मामले में कालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा, और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 119, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 327 एवं 329 के समरूप है।
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Section 119 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 119
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What is 119 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 119(1) के तहत अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से और धारा 119(2) के तहत अपराधी को आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 119 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 119 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 119 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 119(1) और धारा 119(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 119 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 119(1) और धारा 119(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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119 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 119(1) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता है और धारा 119(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 119
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
आघात | प्रहार करके चोट पंहुचना |
स्वेच्छा से | खुद की इच्छा से/जानबूझकर |
प्रतिभूति | जमानत पर कुछ रखना या गिरवी रखना |
प्रयोजन | आशय या इरादा |
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