Section 121 BNS: लोक सेवक को अपने कर्तव्य से डराकर रोकने के लिए स्वेच्छा से उपहति कारित करना या स्वेच्छा से घोर उपहति कारित करना।

Section 121 BNS | BNS 121

121(1) BNS | BNS 121(1)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 121(1) के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक को, उस समय जब वह लोक सेवक होने के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हो या उस व्यक्ति को या किसी अन्य लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने या भयग्रस्त करने के आशय से या ऐसे लोक सेवक के कर्तव्य के वैध निर्वहन में किए गए कार्य के परिणामस्वरूप स्वेच्छा से आघात पहुंचाएगा, तो उसे 5 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा। 

उदाहरण: भूरा एक जल बोर्ड में कार्यरत लोक अधिकारी है, लालू जल विभाग की दफ्तर में पहुंचकर भूरा की ड्यूटी के वक्त उससे जल की आपूर्ति को लेकर कहा सुनी करता है और भूरा को थप्पड़ मार देता है, इस मामले में लालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 5 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा। 

121(2) BNS | BNS 121(2)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 121(2) के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक को, उस समय जब वह लोक सेवक होने के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हो या उस व्यक्ति को या किसी अन्य लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने या भयग्रस्त करने के आशय से या ऐसे लोक सेवक के कर्तव्य के वैध निर्वहन में किए गए कार्य के परिणामस्वरूप स्वेच्छा से आघात पहुंचाएगा, तो उसे 1 वर्ष से 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा एक नगर पालिका में कार्यरत लोक सेवक है, लालू इस क्षेत्र का दबंग व्यक्ति है जो नगर पालिका में जाकर भूरा से सड़क के गड्ढों को लेकर झगड़ा करता है, और भूरा की आंख फोड़ देता है, ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त उपधारा के अनुसार 1 वर्ष से 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

स्पष्टीकरण: ‘लोक सेवक’ ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो जनता की सेवा के लिए सरकार या सरकारी एजेंसी द्वारा नियुक्त किया जाता है, जैसे: पुलिस, सरकारी अध्यापक, नगर पालिका द्वारा नियुक्त सफाई कर्मचारी आदि।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 121, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 332 एवं 333 के समरूप है।

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Section 121 of BNS Bare Act

Section 121 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 121

  1. What is 121 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 121(1) के तहत अपराधी को 5 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से, और धारा 121(2) के तहत अपराधी को 1 वर्ष से 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा।

  2. What is the fine under section 121 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 121 में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 121 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 122(1) और 122(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 121 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 122(1) और 122(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 121 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 122(1) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता है और धारा 122(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।

Difficult words of BNS Section 121

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
आघातप्रहार करके चोट पंहुचना

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