Section 230 BNS: मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्धी कराने के इरादे से मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना

Section 230 BNS | BNS 230

230(1) BNS | BNS 230(1)

जो कोई भारत में उस समय लागू कानून के द्वारा मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषसिद्ध करने की आशय से कोई मिथ्या साक्ष्य देगा या गढ़ेगा या यह संभाव्य जानते हुए कि वह किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध कराएगा, तो उसे आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा और वह ₹50,000 तक के जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

उदाहरण: भूरा और कालू भाई-भाई है, लेकिन दोनों की आपस में दुश्मनी है, एक दिन उनके मोहल्ले में किसी का मर्डर हो गया, भूरा ने उस मर्डर केस में कालू को फंसाने के लिए उस मृत व्यक्ति के पास कालू की चेन और रुमाल को रख दिया, ये सारी क्रिया सीसीटीवी कैमरा में कैद होने की वजह से भूरा को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के अनुसार दंडित किया जाएगा।

230(2) BNS | BNS 230(2)

यदि किसी निर्दोष व्यक्ति को उपधारा (1) में बताये गए ऐसे मिथ्या साक्ष्य के परिणामस्वरुप दोषसिद्ध किए जाने के बाद उसे फांसी दे दी जाती है, तो ऐसा मिथ्या साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को मृत्यु दंड या उपाधारा (1) में बताए गए दंड से दंडित किया जाएगा।

उदाहरण: लाला के पड़ोस में एक व्यक्ति का मर्डर हो गया, लाला की मृत्त व्यक्ति के भाई भल्ला से दुश्मनी थी, इसलिए उसने भल्ला को उस मर्डर केस में फंसाने के लिए उस मृत व्यक्ति की हैंडराइटिंग में एक नोट लिखकर उसके घर पर छोड़ दिया, जिसे पुलिस ने प्राप्त कर लिया और भल्ला को उस मामले में फांसी दे दी गई। बाद में किन्ही सूत्रों की वजह से पता चलने पर कि वह नोट लाला के द्वारा लिखकर छुपाया गया था, लाला को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे मामले में लाला को उपरोक्त उपधारा के अनुसार दंडित किया जाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 230, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 194 के समरूप है।

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Section 230 of BNS Bare Act

Section 230 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 230

  1. What is 230 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 230(1) के तहत अपराधी को आजीवन कारावास से या 10 साल तक के कठिन कारावास से और धारा 230(2) के तहत अपराधी को मृत्यु दंड या धारा 230(1) में बताए गए दंड से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 230 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 230(1) के तहत अपराध करने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और धारा 230(2) में जुर्माने की बात नहीं कही गयी है।

  3. Is 230 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 230(1) और धारा 230(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।

  4. Is 230 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 230(1) और धारा 230(2) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘ग़ैर-जमानतीय’ हैं।

  5. 230 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 230(1) और धारा 230(2) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।

Difficult words of BNS Section 230

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
निष्पादित इस लेख में निष्पादित का अर्थ दोषसिद्धि के बाद सजा दिए जाने से है।

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