Section 234 BNS | BNS 234
जो कोई ऐसा प्रमाणपत्र जारी करेगा या हस्ताक्षरित करेगा, जिसका दिया जाना या हस्ताक्षरित होना विधि द्वारा अपेक्षित है, या किसी ऐसे तथ्य से संबंधित हो, जिसके लिए ऐसा प्रमाणपत्र विधि द्वारा साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है, यह जानते हुए या विश्वास करते हुए कि ऐसा प्रमाणपत्र भौतिक्ता के आधार पर मिथ्या है, तो उसे उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।
उदाहरण: भूरा के पिता ने अपना 50 लाख रुपए का जीवन बीमा कराया हुआ था, भूरा ने अपने पिता के जीवित रहते हुए भी उनके बीमा की राशि को हड़पने के आशय से अपने क्षेत्र के सार्वजनिक अस्पताल से अपने पिता का मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा लिया, जिसे लालसिंह नाम के व्यक्ति ने रिश्वत लेकर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षरित करके प्रामाणिक किया था, ऐसे मामले में लालसिंह को उपरोक्त धारा के अनुसार दंडित किया जाएगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 234, भारतीय दंड संहिता की धारा 197 के समरूप है।
READ OTHER SECTIONS OF CHAPTER XIV — OF FALSE EVIDENCE AND OFFENCES AGAINST PUBLIC JUSTICE
नोट: अगर नीचे दिया गया कोई भी सेक्शन लिंक आपको ‘लीगल बात’ वेबसाइट के होमपेज पर रीडायरेक्ट करता है, तो इसका मतलब है कि संबंधित पोस्ट अभी तक नहीं लिखी गई है। हालाँकि, इसे जल्द ही वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
Section 234 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 234
-
What is 234 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 234 के तहत अपराधी को वही सजा मिलेगी जो मिथ्या साक्ष्य देने के लिए है।
-
What is the fine under section 234 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 234 के तहत अपराधी को वैसे ही जुर्माने से दण्डित किया जाता है, जो मिथ्या साक्ष्य देने पर लगाया जाता है।
-
Is 234 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 234 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।
-
Is 234 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 234 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।
-
234 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 234 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई वह न्यायालय करेगा, जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है।
Difficult words of BNS Section 234
शब्द | सरल अर्थ |
---|---|
संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
Read Other Latest Posts Below
Reference Links: