Section 235 BNS: प्रमाणपत्र को, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है, सत्य के रूप में काम में लाना

Section 235 BNS | BNS 235

जो कोई किसी प्रमाणपत्र को यह जानते हुए कि वह भौतिक आधार पर मिथ्या है, सत्य प्रमाणपत्र के रूप में भ्रष्ट रूप से उपयोग करेगा या उपयोग करने का प्रयत्न करेगा, तो वह ऐसे दंडित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।

उदाहरण: लालू के पिता के नाम पर 10 लाख रुपए का जीवन बीमा था, उसने अपने पिता के जीवन बीमा की राशि को हड़पने की नीयत से अपने पिता का नकली मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर उस बीमा कंपनी में जमा किया, ऐसे मामले में लालू को उपरोक्त धारा के अनुसार दंडित किया जाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 235, भारतीय दंड संहिता की धारा 198 के समरूप है।

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Section 235 of BNS Bare Act

Section 235 of The Bharatiya Nyaya Sanhita Bare Act

FAQs from BNS Section 235

  1. What is 235 BNS punishment?

    बीएनएस की धारा 235 के तहत अपराधी को ऐसे दंडित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।

  2. What is the fine under section 235 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 235 के तहत अपराधी को उसी प्रकार के जुर्माने से दंण्डित किया जाएगा, मानों उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।

  3. Is 235 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 235 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘असंज्ञेय’ हैं।

  4. Is 235 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 235 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 235 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 235 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई वह न्यायालय करता है, जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है।

Difficult words of BNS Section 235

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
स्वेच्छा सेखुद की इच्छा से/जानबूझकर
मिथ्या झूठा

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