Section 308 BNS: जानो जबरन वसूली करने की सजा

Section 308 BNS | BNS 308

308(1) BNS | BNS 308(1) | Extortion Definition

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(1) के अनुसार, जो कोई जानबूझकर किसी व्यक्ति को या उस व्यक्ति से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने के भय में डालता है, और इस प्रकार भयभीत व्यक्ति को कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुहरबंद कोई चीज, जिसे मूल्यवान प्रतिभूति में बदला जा सके, किसी दूसरे व्यक्ति को देने के लिए बेईमानी से प्रेरित करता है, तो वह जबरन वसूली करता है।

उदाहरण 1: भूरा ने लालू को धमकी दी कि यदि उसने धन निश्चित तारिख के वक़्त नहीं लौटाया तो वह उसके बारे में झूठी बुराईयां लिखकर लेख प्रकाशित करेगा। ऐसे मामले में भूरा ने जबरन वसूली का अपराध किया है। 

उदाहरण 2: भूरा ने कालू को धमकी दी कि यदि कालू ने उसे धन देने के संबंध में एक वचनपत्र हस्ताक्षरित करके नहीं दिया तो वह उसके बच्चे को गलत तरीके से बंधक बनाकर रखेगा। कालू वचनपत्र हस्ताक्षरित करके भूरा को दे देता है, ऐसे मामले में भूरा ने जबरन वसूली का अपराध किया है। 

उदाहरण 3: भूरा ने भानू को फोन करके धमकी दी कि “तुम्हारा बच्चा मेरे कब्जे में है और यदि तुम मुझे ₹100000 नहीं देते हो तो उसे मार दिया जाएगा” भूरा इस प्रकार भानू को पैसे देने के लिए प्रेरित करता है, तो भूरा ने जबरन वसूली का अपराध किया है। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308, भारतीय दंड संहिता की धारा 383 के समरूप है।

308(2) BNS | BNS 308(2)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2) में बताया गया है कि जो कोई जबरन वसूली करेगा उसे 7 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के समरूप है।

308(3) BNS | BNS 308(3)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3) में बताया गया है कि जो कोई किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, उसे 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। 

उदाहरण: भूरा ने कालू को धमकी देते हुए कहा कि यदि कालू ने उसे ₹50000 नहीं दिए, तो वह उसकी डंडे से पिटाई करेगा। यदि ऐसे मामले में कालू ने भूरा की शिकायत दर्ज की, तो भूरा को उपरोक्त उपधारा के तहत 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3), भारतीय दंड संहिता की धारा 385 के समरूप है।

308(4) BNS | BNS 308(4)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(4) में बताया गया है कि जो कोई जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को या उस व्यक्ति से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, उसे 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा ने कालू के मकान को हड़पने की नीयत से उसे धमकी दी कि यदि उसने अपने मकान के कागजात भूरा के नाम नहीं किए तो वह उसे जान से मार देगा, कालू ने भूरा की बात न मानकर, पुलिस थाने जाकर उसकी शिकायत कर दी।  इस मामले में भूरा को उपरोक्त उपधारा के तहत 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(4), भारतीय दंड संहिता की धारा 387 के समरूप है।

308(5) BNS | BNS 308(5)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(5) में बताया गया है की जो कोई किसी व्यक्ति को या उससे जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने के भय में डालकर जबरन वसूली करेगा, उसे 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा ने लालू को धमकी देते हुए मांग की, कि यदि लालू उसे ₹200000 नहीं देगा तो वह उसके बच्चे को जान से मार देगा, इस पर लालू ने उसे पैसे दे दिए। इस मामले में भूरा के पकड़े जाने पर उसे उपरोक्त उपधारा के तहत 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(5), भारतीय दंड संहिता की धारा 386 के समरूप है।

308(6) BNS | BNS 308(6)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(6) के अनुसार जो कोई जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति के विरुद्ध या उस व्यक्ति से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति के विरुद्ध यह आरोप लगाने को लेकर डराएगा या डराने का प्रयत्न करेगा कि उसने मृत्यु या आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडनीय अपराध किया है, तो इस तरह डराकर जबरन वसूली की धमकी देने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

उदाहरण: भूरा ने अपनी एक महिला दोस्त शीला के साथ मिलकर लालसिंह को डराते हुए कहा कि वह उन्हें ₹500000 दे दे, नहीं तो वे दोनों मिलकर लालसिंह को झूठे बलात्कार के केस में फंसाएंगे, लालसिंह ने थाने में जाकर उन दोनों की शिकायत दर्ज करा दी। इस मामले में भूरा और शीला दोनों को उपरोक्त उपधारा के तहत 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वे जुर्माने के लिए भी दायी होंगे। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(6), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 389 के समरूप है।

308(7) BNS | BNS 308(7)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(7) के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति के विरुद्ध या उस व्यक्ति से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति के विरुद्ध आरोप लगाने को लेकर डराकर या डराने का प्रयत्न करके कि उसने मृत्यु या आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडनीय अपराध किया है, उससे जबरन वसूली कर लेता है तो डराकर जबरन वसूली करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

उदाहरण: चमेली एक कंपनी के ऑफिस में काम करती है, उसने अपने ऑफिस के एक दोस्त लालसिंह को धमकी दी, कि वह उसे ₹100000 दे, नहीं तो चमेली उस पर बलात्कार का झूठा केस करके उसे बदनाम कर देगी, लालसिंह डरकर चमेली को पैसे दे देता है, लेकिन लालसिंह के परिजनों के द्वारा थाने में जाकर चमेली की शिकायत दर्ज करा दी जाती है। इस मामले में चमेली को उपरोक्त उपधारा के तहत 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगी। 

नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(7), कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 388 के समरूप है।

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Section 308 of BNS Bare Act

FAQs from BNS Section 308

  1. What is 308 BNS punishment?

    भारतीय न्याय संहिता की
    — धारा 308(2) के तहत अपराधी को 7 वर्ष तक के कारावास से,
    — धारा 308(3) के तहत अपराधी को 2 वर्ष तक के कारावास से,
    — धारा 308(4) के तहत अपराधी को 7 वर्ष तक के कारावास से,
    — धारा 308(5) के तहत अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से,
    — धारा 308(6) के तहत अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से,
    — धारा 308(7) के तहत अपराधी को 10 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।

  2. What is the fine under section 308 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?

    बीएनएस की धारा 308 की किसी भी उपधारा में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।

  3. Is 308 BNS a cognizable or non-cognizable offence?

    बीएनएस की धारा 308 की सभी उपधाराओं के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।

  4. Is 308 BNS bailable or not?

    बीएनएस की धारा 308(2), 308(4) और 308(5) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं तथा धारा 308(3), 308(6) और 308(7) के अंतर्गत किए गए अपराध ‘जमानतीय’ हैं।

  5. 308 BNS offence is triable by which Court?

    बीएनएस की धारा 308(3) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘कोई मजिस्ट्रेट’ कर सकता है और धारा 308(2), 308(4), 308(5), 308(6) और 308(7) के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मजिस्ट्रेट’ करता है।

Difficult words of BNS Section 308

शब्दसरल अर्थ
संज्ञेय अपराध ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है।
​असंज्ञेय अपराधऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता।
जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
गैर-जमानतीय अपराधऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं।
उपहति/आघातप्रहार करके चोट पंहुचना
स्वेच्छा सेखुद की इच्छा से/जानबूझकर

प्रतिभूति
जमानत पर कुछ रखना या गिरवी रखना

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