Section 310 BNS | BNS 310
310(1) BNS | BNS 310(1) | Dacoity Meaning in Law
जब पांच या उससे अधिक व्यक्ति संयुक्त रूप से लूट करते हैं या लूट करने का प्रयत्न करते हैं या जहां ऐसी लूट की जा रही हो, वहां कोई अन्य व्यक्ति उपस्थित होकर ऐसी लूट किए जाने या लूट के प्रयत्न में मदद करता है, तब कहा जाएगा कि ऐसे प्रत्येक व्यक्ति ने डकैती की है।
310(2) BNS | BNS 310(2)
जो कोई डकैती करेगा, उसे आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
310(3) BNS | BNS 310(3)
यदि ऐसे पांच या अधिक व्यक्तियों में से, जो संयुक्त रूप से डकैती कर रहे हों, कोई एक व्यक्ति हत्या कर देगा, तो उन व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति को आजीवन कारावास से या ऐसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि 10 वर्ष से कम नहीं होगी और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
310(4) BNS | BNS 310(4)
जो कोई डकैती करने के लिए कोई तैयारी करेगा, उसे 10 वर्ष तक के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
310(5) BNS | BNS 310(5)
यदि कोई डकैती करने के उद्देश्य से एकत्र हुए पांच या अधिक व्यक्तियों में से एक होगा, उसे 7 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
310(6) BNS | BNS 310(6)
जो कोई ऐसे व्यक्तियों के गिरोहका सदस्य है, जो अभ्यासत: डकैती करने के उद्देश्य से जुड़े हैं, तो उसे आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 310, कुछ परिवर्तनों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 391, 395, 396, 399 एवं 402 के समरूप है।
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Section 310 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 310
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What is 310 BNS punishment?
बीएनएस की धारा 310(2) के तहत अपराधी को 10 साल तक के कठोर कारावास से,
धारा 310(3) के तहत आजीवन कारावास से या या ऐसे कठोर कारावास से जिसकी अवधि 10 साल से कम नहीं होगी,
धारा 310(4) के तहत 10 साल तक के कठोर कारावास से,
धारा 310(5) के तहत 7 साल तक के कारावास से,
धारा 310(6) के तहत आजीवन कारावास या 10 साल तक के कठोर कारावास से दंडित किया जा सकता है। -
What is the fine under section 310 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
बीएनएस की धारा 310 की किसी भी उपधारा में जुर्माने की राशि नहीं बताई गयी है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक़्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 310 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 310 की सभी उपधाराओं के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ हैं।
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Is 310 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 310 की सभी उपधाराओं के अंतर्गत किए गए अपराध ‘ग़ैर-जमानतीय’ हैं।
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310 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 310 की सभी उपधाराओं के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘सेशन कोर्ट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 310
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
संयुक्त रूप से | एक साथ मिलकर |
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