Section 7 of Hindu Marriage Act: हिंदू विवाह के लिए संस्कार

Section 7 of Hindu Marriage Act | Ceremonies of Hindu Marriage

Section 7(1) of Hindu Marriage Act

हिंदू विवाह दोनों में से किसी भी पक्ष द्वारा उसके रूढ़ीगत आचारों और संस्कारों के अनुसार संपन्न किया जा सकेगा।

उदाहरण: भूरा और शीला दोनों हिंदू हैं लेकिन दोनों के समाज में वैवाहिक प्रथाएं अलग-अलग हैं, ऐसे में भूरा और शीला दोनों में से किसी एक के समाज की वैवाहिक प्रथा के अनुसार इन दोनों का विवाह संपन्न किया जा सकता है।

Section 7(2) of Hindu Marriage Act

जिन आचार और संस्कारों में सप्तपदी की प्रथा है अर्थात अग्नि के समक्ष वर और वधु को एक साथ 7 फेरे/पद लेने होते हैं, वहां विवाह संपन्न और बाध्यकार तब माना जाता है, जब सातवां फेरा/पद पूरा किया जाता है।

ये भी पढ़ें- हिंदू विवाह का रजिस्ट्रेशन (Section 8 of Hindu Marriage Act)

Section 7 of HMA

Section 7 of The Hindu Marriage Act, 1955

FAQ From Section 7 of HMA

Which section of the Hindu Marriage Act deals with the ceremonies of Hindu Marriage?

हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 में हिंदू विवाह के संस्कारों की बात की गई है।

Difficult Words of Section 7 of HMA

शब्दसरल अर्थ
रूढ़ीगत आचारपरंपरागत मान्यताएं/ पुराने समय से चले आ रहे विचार

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Reference Link: India Code (The Hindu Marriage Act, 1955)

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