Section 85 BNS | BNS 85
जो कोई, किसी स्त्री का पति या पति का नातेदार होते हुए, ऐसी स्त्री के प्रति क्रूरता करेगा, उसे 3 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
उदाहरण: भूरा और शीला पति-पत्नी है, यदि भूरा शीला के साथ मारपीट करता है और उससे दहेज की मांग करता है, तो शीला इसके लिए न्यायालय में केस दर्ज कर सकेगी और ऐसे मामले में भूरा को 3 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा।
अतिरिक्त जानकारी: इस धारा में क्रूरता का अर्थ जानबूझकर किए जाने वाले ऐसे आचरण से है, जिससे उस स्त्री को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने की या उस स्त्री के जीवन, अंग या स्वास्थ्य को गंभीर क्षति या खतरा पहुंचाने की संभावना है। इसके अलावा किसी स्त्री को किसी संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति के लिए विधिविरुद्ध मांग पूरी करने के लिए तंग करना भी क्रूरता में शामिल होगा।
नोट: भारतीय न्याय संहिता की धारा 85, भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के समरूप है।
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Section 85 of BNS Bare Act
FAQs from BNS Section 85
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What is 85 BNS punishment?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 85 के तहत अपराधी को 3 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है।
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What is the fine under section 85 of the Bharatiya Nyaya Sanhita?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 85 में जुर्माने की राशि निश्चित नहीं की गई है, इस जुर्माने की राशि को मामले की सुनवाई के वक्त न्यायाधीश स्वयं तय करता है।
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Is 85 BNS a cognizable or non-cognizable offence?
बीएनएस की धारा 85 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘संज्ञेय’ है, लेकिन संज्ञेय तभी होगा, जब अपराध के किए जाने से संबंधित सूचना अपराध से ग्रसित व्यक्ति या उससे रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण के माध्यम से संबंधित किसी व्यक्ति द्वारा या यदि ऐसा कोई संबंधी नहीं है तो ऐसे वर्ग या श्रेणी से संबंधित किसी लोक सेवक द्वारा, जिसे राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचित किया जाए, पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को दी जाए।
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Is 85 BNS bailable or not?
बीएनएस की धारा 85 के अंतर्गत किए गए अपराध ‘गैर-जमानतीय’ हैं।
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85 BNS offence is triable by which Court?
बीएनएस की धारा 85 के अंतर्गत किए गए अपराध की सुनवाई ‘प्रथम वर्ग का मेजिस्ट्रेट’ करता है।
Difficult words of BNS Section 85
शब्द | सरल अर्थ |
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संज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकता है। |
असंज्ञेय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें कोई पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता। |
जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत मिल जाती है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
गैर-जमानतीय अपराध | ऐसे अपराध जिनमें पुलिस थाने से सीधे जमानत नहीं मिलती, बल्कि न्यायलय में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसका फैंसला करता है कि जमानत कब मिलेगी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की प्रथम अनुसूची में सभी गैर जमानतीय अपराध दिए गए हैं। |
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